‘भय बिनु होय न प्रीति’ – भारतीय वायुसेना का PAK को करारा जवाब

जीजी न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली,11 मई:
भय बिनु होय न प्रीति – तुलसीदास की अमर रचना ‘रामचरित मानस’ की यह पंक्ति भारतीय संस्कृति का वह शाश्वत सत्य है, जो युगों से युद्धनीति और शक्ति प्रदर्शन की बुनियाद रही है। हाल ही में भारतीय वायुसेना की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एयर मार्शल एके भारती ने इसी अमर पंक्ति का उल्लेख करते हुए पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को सीधा और सटीक संदेश दिया।

हाल के तनावपूर्ण माहौल में जब पाकिस्तानी ड्रोन, घुसपैठ और सीजफायर उल्लंघन की खबरें बढ़ी हैं, तब एयर मार्शल भारती का यह बयान यह दर्शाता है कि भारत की सहनशीलता को उसकी कमजोरी न समझा जाए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “हम शांति के पक्षधर हैं, लेकिन हमारी शांति की नीति को हमारी दुर्बलता मानने की भूल न करें।” यह वक्तव्य उस भावना का परिचायक है जो हजारों साल से भारतीय सैनिकों और योद्धाओं के रक्त में प्रवाहित हो रही है।

रामचरित मानस के इस उद्धरण का उपयोग महज शब्दों का खेल नहीं, बल्कि गहरी कूटनीति का परिचय है। ‘भय बिनु होय न प्रीति’ का अर्थ स्पष्ट है – सम्मान और शांति की स्थापना केवल शक्ति और दृढ़ संकल्प से ही संभव है। एयर मार्शल ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत किसी भी उकसावे का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है।

यह बयान केवल शब्दों तक सीमित नहीं, बल्कि एक स्पष्ट चेतावनी है – अगर पाकिस्तान अपने गलत मंसूबों से बाज नहीं आता, तो उसे उसकी ‘भूल’ की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

यह वक्तव्य यह भी दर्शाता है कि भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया देने वाला नहीं, बल्कि अपनी संप्रभुता की सुरक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाने को तत्पर है। यह नई भारत की छवि है – आत्मनिर्भर, सशक्त और दृढ़।

यहां यह याद रखना जरूरी है कि तुलसीदास का यह उद्धरण न केवल सैन्य शक्ति का प्रतीक है, बल्कि एक सभ्यता के साहस और आत्मविश्वास का परिचायक भी है। भारत की यही भावना उसे एक विश्व शक्ति के रूप में स्थापित कर रही है – निडर, निर्भीक और निस्संदेह।

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