“नकल के लिए अक़ल चाहिए”: ओवैसी का पाकिस्तान पर तंज

समग्र समाचार सेवा
कुवैत सिटी/नई दिल्ली, 27 मई: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने भारत के खिलाफ फर्जी सैन्य ऑपरेशन की झूठी कहानी फैलाने के लिए दोनों को “मूर्ख जोकर” करार देते हुए पाकिस्तान की दुष्प्रचार नीति की कड़ी आलोचना की।

विवाद उस समय भड़का जब जनरल मुनीर ने प्रधानमंत्री शरीफ को एक नकली स्मृति चिन्ह ‘ऑपरेशन बुनयान-उन-मरसोस’ सौंपा। यह भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में दिखाया गया था और इसे पाकिस्तान की भारत पर सैन्य जीत के प्रतीक के रूप में पेश किया गया। यह स्मृति चिन्ह दरअसल 2019 के चीनी सेना के सैन्य अभ्यास की एक चित्रित झलक थी, जिसे पाकिस्तानी विजय के रूप में प्रचारित किया गया। यह कार्यक्रम पाकिस्तान के शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व की उपस्थिति में आयोजित हुआ था, जिसमें राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और विदेश मंत्री इशाक डार भी शामिल थे।

कुवैत में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा, “ये मूर्ख जोकर भारत से मुकाबला करना चाहते हैं। 2019 के चीनी सैन्य अभ्यास की तस्वीर को भारत पर जीत का प्रतीक बता रहे हैं। ये एक असली तस्वीर तक नहीं बना सकते।”

उन्होंने पाकिस्तान की झूठी जीत की कहानी रचने की प्रवृत्ति पर कटाक्ष करते हुए कहा, “हमने बचपन में सुना था कि ‘नकल करने के लिए अक़ल चाहिए’, और इन नालायकों के पास तो अक़ल भी नहीं है।”

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान ने अपनी सैन्य छवि को बढ़ाने के लिए झूठे दृश्य प्रसारित किए हैं। इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में ब्रिटेन के अखबार ‘द डेली टेलीग्राफ’ के एक कथित फ्रंट पेज की फोटो दिखाई, जिसमें पाकिस्तान वायु सेना को “आसमान का निर्विवाद राजा” बताया गया था। हालांकि, पाकिस्तान के ही प्रमुख अखबार ‘डॉन’ ने उस तस्वीर को फर्जी बताते हुए उसमें कई वर्तनी की गलतियों, भाषाई विसंगतियों और अखबार की वेबसाइट पर उस खबर की अनुपस्थिति की पुष्टि की।

ये घटनाएं 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत द्वारा 7 मई को पाकिस्तान व पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ढांचे को निशाना बनाकर किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सामने आई हैं। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से 8, 9 और 10 मई को की गई जवाबी कार्रवाईयों को भारतीय सेनाओं ने प्रभावी ढंग से नाकाम किया, जबकि नई दिल्ली ने पाकिस्तानी दावों को सिरे से खारिज कर दिया।

विदेश नीति विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे फर्जी चित्रों और प्रचार माध्यमों के जरिये पाकिस्तान अपनी साख को खुद ही नुकसान पहुंचा रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसकी विश्वसनीयता लगातार गिर रही है।

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