सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर वैश्विक यात्रा जारी, पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का प्रदर्शन

समग्र समाचार सेवा,

जकार्ता, 28 मई: जदयू सांसद संजय झा के नेतृत्व में सर्वदलीय भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने सिंगापुर यात्रा के बाद बुधवार को इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में दस्तक दी। यह दौरा भारत की उस कूटनीतिक पहल का हिस्सा है, जिसके तहत पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को वैश्विक मंच पर बेनकाब करने और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की आवश्यकता को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रतिनिधिमंडल अब तक जापान, दक्षिण कोरिया और सिंगापुर जैसे देशों का सफल दौरा कर चुका है। पनामा में कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने पनामा नेशनल असेंबली की अध्यक्ष डाना कास्टानेडा से मुलाकात की। इस दौरान थरूर ने कहा, “हमारे प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि ऑपरेशन सिंदूर आवश्यक था, क्योंकि आतंकियों ने 26 महिलाओं को विधवा बना दिया और उनके माथे से सिंदूर मिटा दिया।” थरूर ने यह भी जोड़ा कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन आतंकवाद का मुंहतोड़ जवाब देना आवश्यक है।

शिष्टमंडल ने पनामा सिटी के एक मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने भारतीय संस्कृति के शांति और न्याय के मूल्यों को रेखांकित करते हुए कहा, “अहिंसा हमारी संस्कृति का मूल है, लेकिन अधर्म के खिलाफ लड़ाई अनिवार्य भी है।”

भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने प्रतिनिधिमंडल की एकता को रेखांकित करते हुए कहा, “राजनीतिक मतभेद भले हों, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर हम सब एकजुट हैं। भारत अब दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और पाकिस्तान की हर हरकत का जवाब देने में सक्षम है।”

टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने सिंगापुर में कहा कि जब राष्ट्रीय हित की बात आती है, तो विपक्ष भी सरकार के साथ खड़ा रहेगा। उन्होंने सोशल मीडिया की ताकत का उपयोग कर आतंकवाद के खिलाफ भारत की सच्चाई को प्रचारित करने की अपील की। उन्होंने कहा, “पाकिस्तानी सेना के अफसर आतंकियों के जनाजों में जाते हैं, इससे बड़ा सबूत क्या चाहिए?”

दक्षिण अफ्रीका में एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले ने हर भारतीय को झकझोर दिया है। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने की जरूरत पर जोर दिया।

कांगो में भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा कि भारत का वैश्विक रुख आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ का है। उन्होंने पाकिस्तान की आर्थिक दुर्दशा की तुलना भारत की उपलब्धियों से करते हुए कहा कि पाकिस्तान 78 वर्षों में 23 बार IMF से बेलआउट ले चुका है, जबकि भारत कोविड काल में भी दुनिया की फार्मेसी बना।

ग्रीस पहुंचे डीएमके सांसद कनिमोझी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को यूरोपीय देशों से भी समर्थन मिला। भारत के पूर्व राजदूत मंजीव सिंह पुरी ने बताया कि स्लोवेनिया और रूस ने भारत के आतंकवाद विरोधी रुख का समर्थन किया है। नेपाल के महावाणिज्यदूत अश्विन कुमार श्रेष्ठ ने भी स्लोवेनिया में भारत के साथ खड़े होने की बात दोहराई।

संजय झा ने जकार्ता में कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पूरी तरह सैन्य लक्ष्य को साधने वाला था और इसमें किसी नागरिक की जान नहीं गई। यह भारत की उच्च नैतिक और सैन्य नीति का प्रमाण है।

यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया भर में भारत के मजबूत, एकजुट और निर्णायक रुख को प्रस्तुत कर रहा है। विभिन्न दलों के सांसदों की एकता ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंकवाद पर चुप नहीं बैठेगा – चाहे वह सीमा पार से हो या कहीं भी।

 

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