G7 समिट के लिए कनाडा पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, 9 साल बाद पहला दौरा

समग्र समाचार सेवा
कैलगरी/नई दिल्ली, 17 जून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह कनाडा के कैलगरी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचे। वे यहां G7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए हैं, जो अल्बर्टा के कनानास्किस गांव में आयोजित हो रहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी का 2015 के बाद पहला कनाडा दौरा है और यह यात्रा कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के औपचारिक निमंत्रण पर हो रही है।

भारत-G7: सदस्यता नहीं, पर स्थायी आमंत्रण

हालांकि भारत G7 का सदस्य नहीं है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी को 2019 से लगातार आमंत्रित किया जाता रहा है। यह भारत की वैश्विक भूमिका और प्रभाव को दर्शाता है। इस वर्ष की G7 बैठक में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, कनाडा, जापान और यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक और IMF जैसे संस्थानों के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं।

तीर्थयात्रा के बाद, कूटनीति की बारी

यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया था। अब प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के प्रमुख नेताओं के साथ G7 के आउटरिच सेशन और द्विपक्षीय बैठकें करेंगे।

प्रधानमंत्री ने रवाना होने से पहले कहा,

“भारत और कनाडा जीवंत लोकतंत्र हैं, जो आपसी सम्मान और साझा हितों से जुड़े हुए हैं। मैं इस समिट में भागीदारी के लिए उत्सुक हूं।”

भारत-कनाडा रिश्तों में नया मोड़

यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि 2023 में खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के संबंधों में तीव्र गिरावट आई थी। उस समय प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने भारत पर आरोप लगाए थे, जिसके बाद दोनों देशों ने अपने राजनयिक वापस बुला लिए थे।

अब मार्क कार्नी के प्रधानमंत्री बनने के बाद दोनों देशों ने राजनयिक संपर्क फिर से शुरू किए हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस दौरे को दोनों देशों के संबंधों को “रीसेट” करने का मौका बताया है।

G7 एजेंडा: युद्ध, व्यापार और विश्व शांति

इस बार G7 समिट में मध्य पूर्व में ईरान-इज़राइल तनाव, रूस-यूक्रेन युद्ध, और अमेरिकी व्यापार नीति से उत्पन्न तनाव जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही जलवायु परिवर्तन, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, डिजिटल समावेशन और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी मंथन होगा।

भारत के लिए कूटनीतिक मंच

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत के लिए वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका मजबूत करने का अवसर है। यह कनाडा के साथ बिगड़े संबंधों को सुधारने और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भारत का पक्ष रखने का एक महत्वपूर्ण क्षण भी है।

 

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