समग्र समाचार सेवा
तेहरान/यरुशलम, 17 जून: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष के बीच एक और बड़ा झटका सामने आया है। इजरायली सेना (IDF) ने सोमवार को किए गए एक हवाई हमले में ईरानी मेजर जनरल अली शादमानी को मार गिराया। गौर करने वाली बात यह है कि शादमानी ने महज चार दिन पहले ही खतम-अल अंबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर की कमान संभाली थी।
वे मेजर जनरल गुलाम अली राशिद के स्थान पर नियुक्त किए गए थे, जिन्हें शुक्रवार को इजरायली हमलों के पहले चरण में ही मार दिया गया था। दोनों अधिकारियों की मौत ईरान की सैन्य रणनीति के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है।
चार दिन पहले ही सौंपी गई थी नई जिम्मेदारी
टाइम्स ऑफ इजरायल के अनुसार, मेजर जनरल अली शादमानी को चार दिन पहले ही ईरान के मिलिट्री इमरजेंसी कमांड माने जाने वाले खतम-अल अंबिया सेंट्रल हेडक्वार्टर का प्रमुख नियुक्त किया गया था। इससे पहले वे इस मुख्यालय के डिप्टी कमांडर और ईरानी सशस्त्र बलों के संचालन प्रमुख के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके थे।
खामेनेई के करीबी और शक्तिशाली कमांडर
इजरायली डिफेंस फोर्सेस (IDF) ने शादमानी को ईरान के सबसे वरिष्ठ और शक्तिशाली सैन्य अधिकारियों में से एक बताया है। IDF के अनुसार, “मेजर जनरल शादमानी न केवल रिवोल्यूशनरी गार्ड्स बल्कि पूरे ईरानी सशस्त्र बलों की रणनीतिक योजनाओं में अहम भूमिका निभा रहे थे। वे ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के बेहद करीबी सैन्य सलाहकार माने जाते थे।”
इजरायल की रणनीति पर सवाल
इस हमले से स्पष्ट है कि इजरायल अब ईरान की शीर्ष सैन्य नेतृत्व को निशाना बनाने की नीति पर चल रहा है। गुलाम अली राशिद और अब अली शादमानी की मौत यह संकेत देती है कि इजरायल, ईरान के कमांड एंड कंट्रोल ढांचे को तोड़ने की कोशिश में जुटा है।
हालांकि, अभी तक ईरान की ओर से इस हमले को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन ईरानी मीडिया और विशेषज्ञ इसे ईरान की संप्रभुता पर गंभीर हमला मान रहे हैं।
इजरायल और ईरान के बीच यह संघर्ष अब खुले युद्ध के कगार पर पहुंचता दिख रहा है। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को लगातार निशाना बनाया जाना इस तनाव को और गहरा कर सकता है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें अब इस क्षेत्र में किसी बड़े टकराव की आशंका पर टिक गई हैं।
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