समग्र समाचार सेवा
लखनऊ, 23 जून: उत्तर प्रदेश की राजनीति में सोमवार को बड़ा घटनाक्रम सामने आया, जब समाजवादी पार्टी (SP) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते अपने तीन विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया। पार्टी ने सार्वजनिक रूप से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट कर यह जानकारी दी।
समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में निम्नांकित विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है:
1. मा.…
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) June 23, 2025
किन-किन विधायकों पर गिरी गाज?
SP से निकाले गए विधायकों में रायबरेली की ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज कुमार पांडेय, गौरीगंज से राकेश प्रताप सिंह, और गोसाईगंज के विधायक अभय सिंह शामिल हैं। पार्टी ने इन तीनों नेताओं पर पार्टी की मूल विचारधारा के विरुद्ध काम करने और ‘पीडीए विरोधी’ गतिविधियों का समर्थन करने का गंभीर आरोप लगाया है।
SP का आरोप— “सांप्रदायिक, किसान-विरोधी मानसिकता”
पार्टी के आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह तीनों विधायक “सांप्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता और किसान विरोधी, महिला विरोधी, युवा विरोधी, कारोबारी विरोधी और नौकरीपेशा विरोधी विचारधारा” का समर्थन कर रहे थे। पार्टी ने यह भी कहा कि उन्हें ‘हृदय परिवर्तन’ के लिए अनुग्रह-अवधि दी गई थी, जो अब समाप्त हो चुकी है।
मनोज पांडेय के भाजपा से बढ़ते रिश्ते
मनोज पांडेय का निष्कासन कोई चौंकाने वाली बात नहीं है। वह पिछले कुछ महीनों से भाजपा के संपर्क में थे। राज्यसभा चुनाव के दौरान उनकी क्रॉस वोटिंग ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी थी। इसके बाद यह अटकलें तेज हो गई थीं कि वह पार्टी बदल सकते हैं। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह उनके घर तक पहुंचे थे, जिससे भाजपा में उनके शामिल होने की चर्चा को बल मिला।
रायबरेली से टिकट की रेस में थे मनोज पांडेय
लोकसभा चुनाव में रायबरेली सीट से भाजपा के लिए टिकट पाने की संभावना को लेकर मनोज पांडेय का नाम चर्चा में रहा था। हालांकि, अंतिम समय में यह टिकट दिनेश प्रताप सिंह को मिला। इसके बावजूद भाजपा ने उन्हें महत्व देना जारी रखा, जिससे स्पष्ट था कि SP का शीर्ष नेतृत्व उनसे नाराज है।
SP का संदेश: विचारधारा से समझौता नहीं
SP ने अपने पोस्ट में दो टूक लिखा कि भविष्य में भी जो पार्टी के मूल विचारों के विरोध में कार्य करेगा, उसके लिए SP में कोई स्थान नहीं होगा। पार्टी ने सभी नेताओं को “जहां रहें, विश्वसनीय रहें” की नसीहत देते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि अनुशासन और विचारधारा से समझौता कतई नहीं किया जाएगा।
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