कोविड वैक्सीन पर अफवाहों को करारा जवाब, ICMR-AIIMS की रिपोर्ट ने खोला सच’

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 2 जुलाई: देशभर में कोविड-19 वैक्सीन को लेकर फैली अफवाहों पर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने एक बार फिर मुहर लगा दी है। गहन शोध और परीक्षण के बाद दोनों संस्थानों ने स्पष्ट किया है कि वैक्सीन से युवाओं में अचानक मौतों का कोई रिश्ता नहीं है। बीते कुछ महीनों में सोशल मीडिया पर यह चर्चा जोर पकड़ रही थी कि कोविड वैक्सीन से गंभीर साइड इफेक्ट्स या हार्ट अटैक जैसी घटनाएं हो रही हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी बड़ी सफाई

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने भी दो टूक कहा है कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और इसके साइड इफेक्ट्स ना के बराबर हैं। मंत्रालय ने साफ किया कि अब तक किसी वैज्ञानिक शोध में यह साबित नहीं हुआ कि टीकाकरण से अचानक मौतों का खतरा बढ़ा हो। मंत्रालय के अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि अफवाहों पर ध्यान न दें और समय पर बूस्टर डोज भी लगवाएं।

जांच में क्या निकला सच

ICMR और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (NCDC) ने देशभर से जुटाए गए आंकड़ों का विश्लेषण किया। रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में दी गई कोविड वैक्सीन लाखों लोगों को गंभीर बीमारी से बचा चुकी है। शोध में सामने आया कि जिन मामलों को लेकर डर फैलाया गया, वे दरअसल अन्य बीमारियों या व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से थे। वैज्ञानिकों ने चेताया कि बिना पुख्ता सबूतों के ऐसे दावे करना खतरनाक है।

वैक्सीन से बचा है देश

विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड वैक्सीन ने ही भारत को महामारी की गंभीर लहरों से उबारा है। ICMR के वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने बताया कि अगर लोग वैक्सीनेशन से पीछे हटते तो देश में मृत्यु दर कई गुना बढ़ सकती थी। AIIMS के चिकित्सकों ने दोहराया कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स इतने नगण्य हैं कि उन्हें नजरअंदाज किया जा सकता है।

 

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