समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 8 जुलाई: असम की राजनीति में इन दिनों करबी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (KAAC) का नाम अचानक सुर्खियों में आ गया है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और कांग्रेस नेता गौरव गोगोई के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। वजह बना KAAC के मुख्य कार्यकारी सदस्य तुलिराम रोंगहांग का निर्माणाधीन घर।
गोगोई ने उठाए भ्रष्टाचार के सवाल
असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने हाल ही में डिफू में रोंगहांग के बन रहे घर का वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने सीधे तौर पर किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों में इसे मुख्यमंत्री का ‘करीबी दोस्त’ बताया। गोगोई ने इस इमारत की तुलना दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विवादित बंगले से की, जिसे बीजेपी ने पिछले विधानसभा चुनाव में ‘शीश महल’ कहा था। उन्होंने दावा किया कि डिफू का यह महल दिल्ली के शीश महल से भी बड़ा है।
सरमा ने दिया करारा जवाब
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बिना देर किए गोगोई को जवाब दिया। उन्होंने गोगोई पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग करबी आंगलोंग को बदनाम करने के लिए पाकिस्तान जैसी दुश्मन ताकतों के इशारे पर काम कर रहे हैं। सरमा ने कहा कि तुलिराम रोंगहांग एक सम्मानित नेता हैं, जिन्होंने करबी आंगलोंग को विकास और शांति की नई राह पर खड़ा किया है।
सरमा ने कहा कि डिफू आज असम के सबसे विकसित जिला मुख्यालयों में से एक बन गया है। उन्होंने साफ किया कि इस तरह के आरोप करबी जनता की ‘प्रगति की भावना’ को नहीं रोक सकते।
‘लूट के सरदार’ पर गोगोई का पलटवार
मुख्यमंत्री की तीखी टिप्पणी के जवाब में गोगोई ने भी सोशल मीडिया पर दो टूक कहा कि सरमा उन लोगों का बचाव कर रहे हैं, जिन्होंने सरकारी योजनाओं का पैसा लूटा है और कोयला व सुपारी सिंडिकेट चला रहे हैं। गोगोई ने कहा कि डिफू में बन रहा ‘शीश महल’ असम की जनता के पैसों से खड़ा हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री का ‘क्लीन चिट’ अब शून्य मूल्य का है और जनता इसे नकार देगी।
गौरव गोगोई ने दावा किया कि असम की जनता लूट और भ्रष्टाचार के ‘सरदारों’ को आने वाले चुनावों में बाहर का रास्ता दिखा देगी।
करबी आंगलोंग का यह नया विवाद अब सीधे कांग्रेस और बीजेपी के बीच सियासी गर्मी बढ़ाने वाला है।
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