समग्र समाचार सेवा
तेहरान, 8 जुलाई: ईरान में दो वरिष्ठ शिया मौलवियों द्वारा अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को मौत की सजा सुनाने वाला फतवा जारी कर दिया गया है। इस विवादित फतवे को ईरान के 10 और मौलवियों का समर्थन मिल चुका है।
सिर काटने पर 100 अरब तोमान का इनाम
ईरान के वेस्ट अजरबैजान प्रांत के आधिकारिक इस्लामिक प्रचार संगठन के निदेशक मंसूर एमामी ने अज़रबी भाषा में दिए एक भाषण में ऐलान किया कि जो भी ट्रंप को मारकर उसका सिर लाएगा, उसे 100 अरब तोमान यानी करीब 1.14 मिलियन डॉलर का इनाम दिया जाएगा। एमामी ने इसे ‘काफिर मुहारेब’ यानी इस्लाम के खिलाफ जंग छेड़ने वाला घोषित किया।
ऑनलाइन फंडिंग का दावा
ईरान की एक वेबसाइट thaar.ir ने दावा किया है कि उसने ट्रंप की हत्या के लिए ऑनलाइन फंड जुटाने का अभियान शुरू किया है। वेबसाइट पर हाल ही में दिखाया गया कि अब तक 2 करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम जमा हो चुकी है। हालांकि इस आंकड़े की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो पाई है।
ईरानी राष्ट्रपति ने जताई दूरी
अमेरिकी टीवी होस्ट टकर कार्लसन को दिए एक इंटरव्यू में ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान ने सरकार को फतवे से अलग बताया। उन्होंने कहा कि, “मेरी जानकारी में किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ कोई सरकारी फतवा जारी नहीं हुआ है। यह ईरानी सरकार या सुप्रीम लीडर की तरफ से नहीं है।”
नेतन्याहू को भी बनाया निशाना
ईरान के कट्टरपंथी मौलवी अलीरेजा पनाहियान ने भी हाल ही में ट्रंप और नेतन्याहू को मारने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि इस्लामी उम्मा के नेताओं को धमकी देने वाला हर व्यक्ति ‘मोहारिब’ यानी ईश्वर का दुश्मन है। ईरान के प्रमुख धर्मगुरु आयतुल्ला नासेर माकरम शिराजी और आयतुल्ला हुसैन नूरी हमदानी पहले ही ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ अलग-अलग फतवे जारी कर चुके हैं।
खोमैनी के फतवे की याद
1989 में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खोमैनी ने लेखक सलमान रुश्दी के खिलाफ फतवा जारी किया था। रुश्दी को ‘द सैटेनिक वर्सेज़’ उपन्यास में इस्लाम के कथित अपमान के चलते मौत की सजा सुनाई गई थी। 2022 में न्यूयॉर्क में एक हमले में रुश्दी पर चाकू से हमला हुआ, जिसमें उनकी एक आंख चली गई।
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