समग्र समाचार सेवा
पटना, 13 जुलाई: बिहार में मतदाता सूची के एसआईआर अभियान को लेकर मचा राजनीतिक घमासान अब थमने के बाद विपक्ष ने एनडीए की अंदरूनी खींचतान और कानून-व्यवस्था के मुद्दे को नया हथियार बना लिया है। आज सुबह से ही आरजेडी ने पोस्टर, कार्टून और सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सहयोगियों पर तंज कसना शुरू कर दिया है।
लालू यादव का कार्टून वार
आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने एक्स पर एक नया कार्टून शेयर कर एनडीए गठबंधन की एकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस कार्टून में पीएम मोदी को सीएम की कुर्सी पर बैठे दिखाया गया है, जबकि सम्राट चौधरी, विजय सिन्हा, चिराग पासवान, जीतनराम मांझी और नीतीश कुमार को कुर्सी से नीचे गिरते हुए दिखाया गया है।
लालू यादव ने कैप्शन में लिखा है, “गांठ बहुत घनघोर है,” और साथ में जोड़ा, “इन्हें लोक सेवा की नहीं, बल्कि कुर्सी की चिंता है।”
एनडीए में दलित वोट बैंक को लेकर खींचतान
लालू यादव का यह हमला ऐसे वक्त में आया है जब एनडीए बिहार में अपनी एकता को मजबूत दिखाने की कोशिश में जुटा है। लेकिन चिराग पासवान और जीतनराम मांझी के बीच दलित वोटर्स को लेकर तगड़ी टक्कर चल रही है। चिराग पासवान ने सभी सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने की बात कह दी है, वहीं महादलित वोट बैंक को लेकर नीतीश कुमार भी चिंतित हैं।
बीजेपी भी अभी तक यह खुलकर नहीं कह रही कि नीतीश कुमार ही अगले सीएम होंगे। गृह मंत्री अमित शाह भले ही सार्वजनिक मंच से कह चुके हैं कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, पर आखिरी फैसला बीजेपी संसदीय बोर्ड में ही होगा।
क्या बंधेगी गांठ या बढ़ेगा संकट?
लालू यादव ने जो “गांठ बहुत घनघोर है” कहा है, वह आने वाले चुनाव में एनडीए के लिए असली चुनौती साबित हो सकती है। आरजेडी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में इस अंदरूनी खींचतान को चुनावी मुद्दा बनाकर पूरे बिहार में जंगलराज के पुराने आरोपों को भी घुमा-फिरा कर नए संदर्भ में जोड़ रहा है।
अब देखना होगा कि एनडीए अपनी कुर्सी की गांठ को समय रहते सुलझा पाता है या फिर विपक्ष इसे बड़ा मुद्दा बनाकर माहौल अपने पक्ष में करता है।
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