समग्र समाचार सेवा
पटना, 13 जुलाई: बिहार में हत्याओं और गोलीबारी की घटनाओं ने एक बार फिर राज्य की कानून व्यवस्था को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया है। बीते कुछ दिनों में पटना जैसे बड़े शहर में भी आपराधिक वारदातों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में चुनावी वर्ष में यह मुद्दा विपक्ष के लिए बड़ा हथियार बनता जा रहा है।
आरजेडी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोला है और उनके इस्तीफे की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि अब नीतीश कुमार को एक मिनट भी सीएम की कुर्सी पर बने रहने का हक नहीं है।
आरजेडी का नीतीश पर सीधा निशाना
आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में गुंडाराज लौट आया है। पटना जैसे पॉश इलाके में बीजेपी नेता सुरेंद्र कुमार केवट की हत्या और पार्क में खुलेआम फायरिंग ने कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार की जनता को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है।
तिवारी ने कहा, “गृह विभाग खुद सीएम के पास है। अपराधियों को पुलिस का कोई डर नहीं रहा। तेजस्वी यादव की अगुवाई में नई सरकार बनेगी और अपराधियों पर पूरी लगाम लगेगी।
जदयू का पलटवार, कहा कानून का राज कायम
आरजेडी के हमले पर जदयू कोटे के मंत्री मदन सहनी ने पलटवार किया। सहनी ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था मजबूत है। कुछ छिटपुट घटनाएं जरूर हैं, लेकिन पुलिस को खुली छूट दी गई है और गिरफ्तारियां हो रही हैं। पटना में हालिया हत्याओं के मामले में पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपियों को अरेस्ट भी किया।
मदन सहनी ने आरजेडी पर पलटवार करते हुए कहा कि लालू यादव के शासनकाल में तो नरसंहार आम बात थे। उन्होंने कहा, “आरजेडी अपने गिरेबान में झांके, तब 15 साल में 118 नरसंहार हुए थे। अब ऐसा कुछ नहीं है, जो भी अपराध करेगा, वह बचेगा नहीं।
चुनावी साल में लॉ एंड ऑर्डर बना बड़ा मुद्दा
चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में कानून व्यवस्था का मुद्दा बड़ा बनता जा रहा है। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच वार-पलटवार का दौर तेज हो चुका है। सवाल यह है कि बढ़ते अपराध पर किस तरह लगाम लगेगी या सियासी घमासान और तेज होगा।
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