समग्र समाचार सेवा
पटना, 18 जुलाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार दौरे पर हैं, लेकिन रैली को लेकर RJD नेता तेजस्वी यादव की व्यंग्यपूर्ण टिप्पणियों ने राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट कर प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर “जुमलों की मूसलाधार बारिश” और “टेलीप्रॉम्प्टर अभिनय” जैसी तीखी भाषा का उपयोग किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी आज बिहार आकर निम्न काम करेंगे।
1. सर्वप्रथम प्रधानमंत्री जी आज सावन में मटन पार्टी करने वाले नेताओं को मोतिहारी में मंच पर सम्मानित कर अपने आप को गौरवान्वित महसूस करेंगे तथा अपने प्रवचनों के दोहरेपन का सावर्जनिक परिचय देंगे।
2. 132 महीने पहले… pic.twitter.com/plxTaY1AD4
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 18, 2025
सावन, मटन पार्टी और दोहरे प्रवचन
तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी सावन के पावन महीने में मटन पार्टी से जुड़े नेताओं को मंच पर बुलाएंगे, जो अपने “दोहरे प्रवचन” का सार्वजनिक नमूना पेश करेंगे। यह कटाक्ष सीधे तौर पर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह के लखीसराय में सावन के दौरान आयोजित मटन भोज की ओर इशारा था
अधूरे वादे और पुरानी स्क्रिप्ट
तेजस्वी ने बिहार के लोकप्रिय चाय–चीनी मिल वादे को याद कराते हुए लिखा कि 132 महीने पहले मोतिहारी की चीनी मिल शुरू करने का वादा आज तक अधूरा है। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि इसका दोष अब शायद सम्राट अशोक या चंद्रगुप्त मौर्य के कंधों पर डाल दिया जाएगा।
शिक्षा के सवाल और खर्च की चिंता
तेजस्वी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि रवैया स्पष्ट है: प्रधानमंत्री की रैली के लिए जिले के स्कूलों को दो दिन से बंद रखा गया। उन्होंने इसे “गरीब राज्य के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च” मानकर प्रश्न किया कि वक़्त और संसाधनों की प्राथमिकता बिहार के लोगों की ओर है या केवल शो-बिजनेस की ओर
अपराध, किसानों और राजनीतिक स्टंट
तेजस्वी ने आरोप लगाया कि बिहार में अपराध का ठीकरा 50 साल पुरानी सरकारों पर फोड़ा जाएगा, मगर वह किसानों को अपराधियों की संज्ञा देने वाली पुलिस पर सवाल नहीं उठाएंगे। उनका मानना है कि यह राजनीतिक “स्टंट” है, न कि वास्तविक सुधार का संदेश
टेलीप्रॉम्प्टर स्क्रिप्ट और चुप्पी
तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी टेलीप्रॉम्प्टर पर लिखी भाषण स्क्रिप्ट पढ़ेंगे, जिसके जरिए केवल घिसे–पिटे जुमलों की घोषणाएं ही सामने आएंगी। साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि मोदी नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री चेहरे के बारे में स्पष्टता नहीं देंगे, यह चुप्पी क्या संकेत देती है?
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