हेमंत सोरेन ने केंद्र से मांगी 13,300 करोड़ की माफी, नक्सल अभियान में झारखंड की भागीदारी को बताया साझा जिम्मेदारी
समग्र समाचार सेवा
रांची, 19 जुलाई: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखे एक पत्र के ज़रिए केंद्र सरकार से एक बड़ी मांग की है। उन्होंने झारखंड में चल रहे नक्सल-रोधी अभियानों में सीआरपीएफ की प्रतिनियुक्ति के एवज में राज्य सरकार पर बकाया ₹13,300 करोड़ की राशि को माफ करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री का कहना है कि यदि यह राशि राज्य को चुकानी पड़ी तो झारखंड की विकास योजनाएं गंभीर रूप से प्रभावित होंगी। उन्होंने इसे केंद्र और राज्य की “संयुक्त जिम्मेदारी” करार दिया।
सहकारी संघवाद की अपील
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि झारखंड राज्य वर्ष 2000 में अस्तित्व में आया और तब से यह नक्सल प्रभावित रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपनी सीमित क्षमताओं और संसाधनों के साथ सीआरपीएफ की मदद से लगातार नक्सल उन्मूलन का प्रयास कर रही है। इसमें अब तक 400 से अधिक पुलिसकर्मियों की जान जा चुकी है।
उन्होंने केंद्र से अपील की कि वह सहकारी संघवाद की भावना दिखाए और राज्य के आर्थिक भार को कम करने के लिए इस भारी भरकम राशि को माफ करे
विकास योजनाओं पर पड़ेगा असर
मुख्यमंत्री सोरेन ने यह भी बताया कि कोविड-19 महामारी के बाद राज्य आर्थिक पुनरुद्धार की दिशा में संघर्ष कर रहा है। ऐसे में अगर सीआरपीएफ की प्रतिनियुक्ति के एवज में लंबित राशि राज्य को देनी पड़ी, तो जनकल्याणकारी योजनाओं और बुनियादी ढांचे के विकास पर असर पड़ेगा।
उन्होंने पत्र में यह स्पष्ट किया कि राज्य सीमित संसाधनों के बावजूद विकास कार्यों और सुरक्षा अभियानों दोनों को प्राथमिकता देता आया है। अब समय है कि केंद्र सरकार इस योगदान की सराहना करते हुए वित्तीय राहत प्रदान करे।
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