समग्र समाचार सेवा
पटना, 20 जुलाई: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और केंद्र सरकार पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि भारत को अब वैश्विक स्तर पर चुप रहने के बजाय स्पष्ट संदेश देना चाहिए। उन्होंने कहा कि ट्रंप खुद को दुनिया का “सरपंच” समझते हैं और बार-बार यह दावा करते आए हैं कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध को टाल दिया, लेकिन अब यह राजनयिक चुप्पी टूटनी चाहिए, और यह कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना चाहिए।
#WATCH | Delhi: RJD leader Manoj Jha says, "…Trump is eager to become the Sarpanch of the world. He has said 24-25 times that he has stopped the war. Now the time has come to give a message. This message should not be through sources, but through the Prime Minister…"
"The… pic.twitter.com/qa6Wq043W5
— ANI (@ANI) July 20, 2025
पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर और वैश्विक एकाकीपन पर उठाए सवाल
मनोज झा ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार से तीखे सवाल पूछे। उन्होंने कहा कि देश को जानना चाहिए कि पहलगाम जैसी घटना क्यों हुई, उसमें क्या चूक रही और ऑपरेशन सिंदूर के बाद हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्यों अकेले पड़ते जा रहे हैं। उन्होंने इसे भारत की विदेश नीति की विफलता करार दिया और कहा कि संसद में इन मुद्दों पर व्यापक चर्चा होनी चाहिए।
बिहार में वोटर लिस्ट से नाम कटने का गंभीर आरोप
मनोज झा ने दावा किया कि बिहार में वोटर लिस्ट से बड़े पैमाने पर लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं, और इसे लोकतंत्र पर एक गंभीर हमला बताया। उन्होंने कहा कि इससे देश में मतदाता अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है, और यह स्थिति भारतीय लोकतंत्र में बहुत ही चिंताजनक है।
उनका कहना था कि अगर नागरिकों के नाम बिना किसी जानकारी के मतदाता सूची से हटा दिए जा रहे हैं, तो यह चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है।
चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल
राजद नेता ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग पर अब लोगों का विश्वास कमजोर हो रहा है, और यह स्थिति लोकतंत्र के लिए घातक है। यदि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर संसद में चर्चा नहीं होगी, तो फिर संसदीय प्रक्रिया का कोई औचित्य नहीं रह जाता।
मनोज झा ने जोर देकर कहा कि केवल सूत्रों या मध्यस्थों के जरिए विदेश नीति संचालित नहीं की जा सकती। अब समय आ गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सामने आकर स्पष्ट करें कि भारत की स्थिति क्या है और वह वैश्विक मंच पर किस दिशा में जा रहा है।
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