समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 जुलाई: भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) से पहले कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने मांग की है कि मोदी सरकार को व्यापार से पहले भगोड़ों के प्रत्यर्पण का समझौता करना चाहिए, जिससे विजय माल्या, नीरव मोदी और ललित मोदी जैसे आर्थिक अपराधियों को देश वापस लाया जा सके।
भारत-ब्रिटेन एफटीए पर गुरुवार को लंदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री की मौजूदगी में हस्ताक्षर हुए। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापार को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है, लेकिन कांग्रेस का कहना है कि इससे पहले देश की साख बहाल करना ज़रूरी है।
जयराम रमेश का कटाक्ष—’भगोड़ानॉमिक्स’ का मॉडल
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर सरकार पर सीधा तंज कसते हुए लिखा, “भारत को ब्रिटेन से सिर्फ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट नहीं, बल्कि फ्यूजिटिव ट्रांसफर एग्रीमेंट की भी जरूरत है।” उन्होंने कहा कि विजय माल्या, नीरव मोदी और ललित मोदी जैसे भगोड़े अब भी भारत वापसी का इंतजार कर रहे हैं, और हो सकता है कि इस सूची में जल्द ही और नाम जुड़ जाएं।
उन्होंने इसे ‘मोदी मॉडल की भगोड़ानॉमिक्स’ करार दिया और यह सवाल उठाया कि आर्थिक लाभ के साथ-साथ न्यायिक जवाबदेही की बात क्यों नहीं हो रही
एफटीए के फायदे और विपक्ष की चेतावनी
भारत-ब्रिटेन एफटीए को दोनों देशों के बीच 2025 से 2030 तक व्यापार दोगुना करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह कर-मुक्त व्यापार रास्ता खोलेगा, जिससे भारत से श्रम-प्रधान उत्पाद जैसे कपड़े, जूते, चमड़ा आदि रियायती दरों पर ब्रिटेन भेजे जा सकेंगे। वहीं, ब्रिटेन से स्कॉच व्हिस्की और लग्जरी कारों का आयात सस्ता होगा।
कांग्रेस का तर्क है कि जबकि आर्थिक द्वार खोले जा रहे हैं, देश की आर्थिक नैतिकता को सुरक्षित करने वाले द्वार अब भी बंद हैं। भगोड़ों को वापस लाने की दिशा में गंभीर प्रयासों के बिना केवल व्यापारिक समझौते न्यायसंगत नहीं कहे जा सकते।
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