समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 जुलाई: प्रधानमंत्री ने 27 जुलाई 2025 को ‘मन की बात’ की 124वीं कड़ी में देशवासियों को देश की शानदार सफलताओं, उपलब्धियों और भविष्य की संभावनाओं से रूबरू कराया। इस संबोधन में विज्ञान, शिक्षा, संस्कृति, आत्मनिर्भरता और लोक जीवन की प्रेरणादायक गाथाओं को विशेष स्थान मिला।
विज्ञान‑संस्कृति का उत्सव
प्रधानमंत्री ने शुभांशु शुक्ला की सफल अंतरिक्ष यात्रा का संदर्भ दिया, जिससे देश ने गर्व की अनुभूति की। यह चंद्रयान‑3 की सफलता के बाद एक और वैज्ञानिक गर्व का क्षण था, जिसने नए उत्साह और वैज्ञानिक जिज्ञासा को जन्म दिया। बच्चों में अब Space Scientist बनने की चाह जग गई है।
उन्होंने INSPIRE‑MANAK अभियान का उल्लेख करते हुए बताया कि इसने लाखों बच्चों को नवाचार (innovation) के क्षेत्र में प्रेरित किया है। स्कूल‑स्कूल से चुने गए छात्र अपने नए आइडियाज लेकर आते हैं। इस पहल ने देश भर में स्टार्ट‑अप्स की क्रांति को गति दी है, खासकर space sector में।
अंतरराष्ट्रीय ओलम्पियाड में भारत का प्रदर्शन
देश के छात्रों ने International Chemistry और Mathematical Olympiad में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। Chemistry में नव चार विद्यार्थियों ने पदक जीते जबकि Australia में हुए पुरस्कारों में भारतीय विद्यार्थियों ने 3 Gold, 2 Silver, और 1 Bronze प्राप्त किया। प्रधानमंत्री ने आगामी Astronomy and Astrophysics Olympiad, जो मुंबई में आयोजित होगा, का भी जिक्र किया।
ऐतिहासिक किलों को विश्व विरासत की मान्यता
प्रधानमंत्री ने UNESCO द्वारा 12 मराठा किलों को World Heritage Site के रूप में मान्यता देने की घोषणा की। इनमें महाराष्ट्रीयन किला शामिल हैं जैसे सल्हेर, शिवनेरी, प्रतापगढ़, विजयदुर्ग आदि, जो देश की गौरवशाली इतिहास की गाथा बयान करते हैं। राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के ऐतिहासिक किले भी गौरव का स्रोत बने हुए हैं।
स्वाधीनता आंदोलन की प्रेरणा
27 जुलाई की बात को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री ने क्रांति‑प्रेरक घटनाओं का उल्लेख किया: खुदीराम बोस, स्वदेशी आंदोलन, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस और National Handloom Day की वर्षगांठ। इन्हें युवा‑पिढ़ी को प्रेरणा स्रोत बताया गया।
वस्त्र तकनीक और आत्मनिर्भर भारत
प्रधानमंत्री ने देश की textile and handloom industry को आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण बताया। पैठण (महाराष्ट्र), मयूरभंज (ओडिशा), और नालंदा (बिहार) की लोकसंस्कृति से जुड़ी उद्योग क्रांति को साझा किया। 3000 से अधिक Textile Start‑ups की सफलता और गांव‑शहर में स्वरोज़गार की कहानियाँ प्रेरणादायक रहीं।
पर्यावरण संरक्षण और लोकगीतों की शक्ति
ओड़िशा के क्योंझर जिले में पारंपरिक भक्ति गीतों के माध्यम से forest fire awareness अभियान की सराहना की गई। लोक परंपराएँ आज भी सामाजिक दिशा‑निर्देशन में योगदान दे रही हैं और स्थानीय लोगों को जागरूक बना रही हैं।
गुमला में नई दिशा: मत्स्य क्रांति
झारखंड के गुमला में माओवादी हिंसा से प्रभावित क्षेत्र में ओमप्रकाश साहू ने मछली पालन शुरू किया। प्रधानमंत्री ने बताया कि अब वहाँ 150 से अधिक परिवार इस व्यवसाय से जुड़े हैं, और समाज पुनर्निर्माण की दिशा में अग्रसर है।
World Police & Fire Games में भारत ने लगभग 600 पदक हासिल कर 71 देशों में शीर्ष‑3 स्थान पाया। “खेलो भारत नीति 2025” को युवाओं, महिलाओं और गांवों के लिए प्रेरक बताया गया है।
स्वच्छ भारत: जन‑आंदोलन की ताकत
स्वच्छ भारत मिशन के 11 वर्षों की यात्रा का उल्लेख करते हुए देश की 4500 से अधिक नगर और कस्बों में सहभागिता को प्रेरणादायक बताया गया। शहरों‑कस्बों में waste management की विविध और प्रभावी तकनीकों की सराहना की गई।
प्रधानमंत्री का यह संबोधन केवल समाचार नहीं, बल्कि एक नेतृत्वात्मक प्रेरणा था जिसने विज्ञान, संस्कृति, स्वाधीनता और आत्मनिर्भरता की दिशाओं को उद्घाटित किया। यह इस बात की परिचायक है कि सरकार केवल विकास नहीं, बल्कि उन्नत नीति और लोक जीवन को दिशा देने में भी सक्रिय है।
‘मन की बात’ की इस कड़ी ने हमें याद दिलाया कि राष्ट्र का विकास केवल भौतिक नहीं, बल्कि विचारों, इतिहास, संस्कृति और नवाचार का भी विकास है। चाहे वह विज्ञान, खेल, textile या पर्यावरण हो—देशवासियों द्वारा मिलकर बनाया गया यह भविष्य उन्हीं मूल्यों का परिणाम है। यह संदेश हमें यह प्रेरणा देता है कि हम सभी—सरकार और नागरिक—मिलकर देश को एक बेहतर, आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बना सकते हैं।
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