डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री ने किया नमन, बताया प्रेरणा और राष्ट्रभक्ति की मिसाल

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 27 जुलाई: आज देशभर में भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी देश के महान वैज्ञानिक और पूर्व राष्ट्रपति को नमन करते हुए एक भावुक पोस्ट साझा किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने X (पूर्व ट्विटर) पर अपने संदेश में लिखा,

“हमारे प्रिय पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि। उन्हें प्रेरक दूरदर्शी, उत्कृष्ट वैज्ञानिक, मार्गदर्शक और महान देशभक्त के रूप में याद किया जाता है। हमारे राष्ट्र के प्रति उनका समर्पण अनुकरणीय था। उनके विचार भारत के युवाओं को विकसित और मजबूत भारत के निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित करते हैं।”

मिसाइल मैन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक

डॉ. कलाम को ‘मिसाइल मैन ऑफ इंडिया’ के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारत के रक्षा अनुसंधान और परमाणु तकनीक को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उन्होंने ISRO और DRDO जैसे संस्थानों में प्रमुख योगदान दिया।

2002 से 2007 तक वे भारत के 11वें राष्ट्रपति रहे और अपने सरल जीवन, विनम्र व्यवहार और प्रेरणादायी विचारों से उन्होंने राष्ट्रपति पद को जन-मानस से जोड़ा।

युवा पीढ़ी के आदर्श

डॉ. कलाम ने युवाओं के बीच संवाद और प्रेरणा को प्राथमिकता दी। “Wings of Fire”, “Ignited Minds” और “India 2020” जैसी उनकी किताबें आज भी छात्रों और नवप्रवर्तनकर्ताओं की सोच को दिशा देती हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि कलाम साहब के विचार, विशेषकर युवाओं को, “विकसित और आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण में योगदान देने को प्रेरित करते हैं।

एक सच्चे कर्मयोगी की पुण्यतिथि

27 जुलाई 2015 को शिलांग में एक व्याख्यान के दौरान डॉ. कलाम का निधन हो गया था। वे अंतिम समय तक युवाओं को शिक्षित करने और देश के लिए अपना योगदान देने में लगे थे। उनका जीवन एक सच्चे कर्मयोगी की मिसाल है।

देशभर में श्रद्धांजलि

आज देश के कई हिस्सों में डॉ. कलाम की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। स्कूल, कॉलेज, अनुसंधान संस्थान और युवा संगठन उनकी शिक्षाओं पर चर्चा कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी हजारों लोग उनके विचारों को साझा कर रहे हैं और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दे रहे हैं।

डॉ. कलाम केवल एक वैज्ञानिक या राष्ट्रपति नहीं थे, वे एक विचारधारा थे—जो सपनों को संकल्प में बदलने की प्रेरणा देते हैं। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा उन्हें श्रद्धांजलि देना इस बात का संकेत है कि भारत के भविष्य का निर्माण उन्हीं के बताए मार्ग पर चलकर संभव है।

डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि केवल एक स्मृति नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है—नवीनता, सरलता, और राष्ट्रभक्ति की। उनके विचार और कर्म आज भी देश के युवाओं को नयी ऊँचाइयाँ छूने की प्रेरणा देते हैं। एक सच्चे भारत रत्न को, आज पूरा देश नमन कर रहा है।

 

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