समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 अगस्त: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता को तीनों सेनाओं – थल, जल और वायु – के बीच अभूतपूर्व तालमेल और संचालनात्मक एकजुटता का प्रमाण बताया है। उन्होंने कहा कि यह अभियान न केवल भारत की सैन्य क्षमताओं का प्रदर्शन है, बल्कि आधुनिक युद्ध के बदलते स्वरूप में हमारी रणनीतिक तैयारी का भी स्पष्ट संकेत है।
जनरल चौहान 21वें उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम (एचडीएमसी) के प्रतिभागियों और कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट (सीडीएम), सिकंदराबाद के वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने संयुक्तता, एकीकरण और भविष्य के एकीकृत अभियानों की कार्ययोजना पर विस्तृत विचार साझा किए।
आधुनिक युद्ध में तकनीक और आत्मनिर्भरता की भूमिका
सीडीएस ने अपने संबोधन में बताया कि तकनीक-संचालित आधुनिक युद्ध में विघटनकारी बदलावों से निपटने के लिए सेना में व्यापक क्षमता विकास, आत्मनिर्भरता और परिवर्तनकारी सुधार आवश्यक हैं। उन्होंने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा संरचना और उच्चतर रक्षा प्रबंधन’ विषय पर एक गहन व्याख्यान देते हुए भारत के रक्षा संगठन के विकास, सैन्य मामलों के विभाग की उपलब्धियों और थिएटर कमांड की कार्य योजना पर प्रकाश डाला।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उभरती राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए निरंतर सुधार, बेहतर आपसी तालमेल और तेजी से बदलती परिस्थितियों के अनुरूप अनुकूलनशीलता बेहद जरूरी है।
लॉजिस्टिक एकीकरण – सैन्य अभियानों की रीढ़
संयुक्त रसद और एकीकरण को मजबूत करने के लिए, जनरल चौहान ने सीडीएम द्वारा तैयार ‘एकीकृत रसद के लिए संयुक्त प्राइमर’ जारी किया। उन्होंने कहा, “रसद सैन्य अभियानों की रीढ़ है और सशस्त्र बलों में रसद प्रक्रियाओं का एकीकरण रणनीतिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए अत्यंत जरूरी है।”
इस दस्तावेज़ में रसद एकीकरण, डिजिटलीकरण, साझा संसाधन, खरीद प्रणाली और राष्ट्रीय रसद ढांचे के साथ बेहतर तालमेल जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर जोर दिया गया है। इसका उद्देश्य दक्षता में सुधार लाना और सशस्त्र बलों में अधिक संगठनात्मक प्रभावशीलता सुनिश्चित करना है।
पर्यावरण-अनुकूल पहल – स्मार्ट बाइक सुविधा
कार्यक्रम के दौरान सीडीएस ने स्मार्ट बाइक पब्लिक साइकिल शेयरिंग सुविधा का उद्घाटन किया, जिससे सीडीएम के कर्मचारियों को ई-साइकिलों तक आसान पहुंच मिलेगी। यह पहल न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि पर्यावरण-अनुकूल जीवनशैली और स्मार्ट तकनीक को बढ़ावा देने का भी प्रतीक है।
यह परियोजना सीडीएम और स्मार्ट बाइक मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से लागू की गई है।
भविष्य के रणनीतिक नेतृत्व का निर्माण
सीडीएम के कमांडेंट मेजर जनरल हर्ष छिब्बर ने बताया कि यह संस्थान वरिष्ठ अधिकारियों को उच्च नेतृत्वकारी भूमिकाओं के लिए आवश्यक समकालीन प्रबंधन कौशल प्रदान करता है। 44 सप्ताह चलने वाले इस पाठ्यक्रम में 167 प्रतिभागी शामिल हैं, जिनमें 12 मित्र देशों के अधिकारी भी हैं, जो भारत की सैन्य कूटनीति और क्षेत्रीय सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने साबित किया है कि भारत की तीनों सेनाएं किसी भी चुनौती के सामने एकजुट होकर निर्णायक कार्रवाई कर सकती हैं। सीडीएस जनरल अनिल चौहान का यह संदेश स्पष्ट है—संयुक्तता, आत्मनिर्भरता और तकनीकी दक्षता ही भविष्य के युद्धक्षेत्र में भारत की सबसे बड़ी ताकत होगी।
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