चिराग का चौपाल” से बिहार की राजनीति में नई हलचल, NDA में बढ़ेगा दबदबा?

समग्र समाचार सेवा

पटना, 10 अगस्त: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान बिहार की सियासत में नया समीकरण बनाने की तैयारी में हैं। पार्टी ने राज्यभर में “चिराग का चौपाल” अभियान शुरू करने की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य विधानसभा चुनाव से पहले चिराग की नेतृत्व क्षमता को मजबूत करना और जनता से सीधा जुड़ाव बढ़ाना है।

गांव-गांव पहुंचेगा LJP (RV) का संदेश

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इस चौपाल के तहत सांसदों, विधायकों और कार्यकर्ताओं की टीमें गांव-गांव जाकर जनता से संवाद करेंगी, उनके मुद्दे सुनेंगी और चिराग के नेतृत्व में NDA के लिए समर्थन जुटाएंगी।
LJP (RV) को उम्मीद है कि यह अभियान न केवल उनकी लोकप्रियता बढ़ाएगा, बल्कि NDA में उनकी राजनीतिक स्थिति भी मजबूत करेगा।

NDA में तीसरा बड़ा चेहरा

फिलहाल NDA में भाजपा और जेडीयू के बाद LJP (RV) तीसरी अहम पार्टी है। जेडीयू ने पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को 2025 चुनाव के लिए “सीएम चेहरा” घोषित कर दिया है।
हालांकि, राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि जेडीयू का जनाधार कमजोर हो रहा है, और यही मौका है जब चिराग NDA में अपनी ताकत बढ़ा सकते हैं।

चिराग की बदलती सियासी भाषा

हाल ही में चिराग पासवान ने बिहार की कानून-व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने जनता की असंतुष्टि को पार्टी की आवाज बताया, लेकिन साथ ही लहजे में नरमी लाते हुए कहा कि अगर NDA सत्ता में लौटा, तो नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री रहेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह रणनीतिक लचीलापन है, ताकि NDA में सीट बंटवारे को लेकर बेहतर स्थिति हासिल की जा सके।

NDA में सीट बंटवारे की चर्चा

NDA में सीटों का बंटवारा फिलहाल चर्चा में है, जिसमें जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा जैसे सहयोगी भी शामिल हैं।
2020 के विधानसभा चुनाव में LJP (RV) के NDA से अलग होकर लड़ने का निर्णय चुनावी नतीजों पर बड़ा असर डाल चुका है। जेडीयू और LJP (RV) के रिश्ते अब भी पूरी तरह सुधरे नहीं हैं

पार्टी नेताओं की साफ रणनीति

LJP (RV) के सांसद अरुण भारती ने कहा कि पार्टी NDA के साथ चुनाव लड़ेगी और कानून-व्यवस्था जैसे मुद्दों पर जनता की आवाज उठाती रहेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि सीट बंटवारे पर जल्द सकारात्मक नतीजे आएंगे।

NDA के भीतर हलचल की संभावना

हाल ही में एक जेडीयू नेता ने LJP (RV) को सलाह दी थी कि सीट बंटवारे की बात सीधे भाजपा से करें, जेडीयू से नहीं।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि “चिराग का चौपाल” अभियान NDA के भीतर सत्ता समीकरण को हिला सकता है और ग्रामीण क्षेत्रों में LJP (RV) की पकड़ मजबूत कर सकता है।

आगे का सियासी परिदृश्य

बिहार में विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है। “चिराग का चौपाल” न केवल LJP (RV) के लिए, बल्कि पूरे NDA के लिए एक इलेक्शन बूस्टर साबित हो सकता है।
अब देखना यह है कि क्या चिराग पासवान NDA में अपनी स्थिति को ऊंचा कर पाएंगे, या यह अभियान सिर्फ एक राजनीतिक प्रयोग बनकर रह जाएगा।

 

Comments are closed.