मैं 1 लाख से ज्यादा वोटों से जीता, तो क्या मैंने कुछ गड़बड़ किया? ‘वोट चोरी’ के आरोप पर बोले अजित पवार
समग्र समाचार सेवा
पुणे, 13 अगस्त: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी (अजित पवार गुट) के प्रमुख नेता अजित पवार ने विपक्ष द्वारा लगाए गए ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर तीखा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी जीत जनता के विश्वास का नतीजा है, न कि किसी गड़बड़ी का।
“जनता ने दिया जनादेश, गड़बड़ी का सवाल ही नहीं”
अजित पवार ने अपने निर्वाचन क्षेत्र बारामती में पत्रकारों से बातचीत में कहा —
“मैं 1 लाख से ज्यादा वोटों से चुनाव जीता। क्या इतने बड़े अंतर से जीतने का मतलब है कि मैंने वोट चोरी की? यह जनता का स्पष्ट जनादेश है। आरोप लगाने वाले पहले सबूत पेश करें, सिर्फ हवा में बातें न करें।”
पवार ने कहा कि जनता ने उनके काम और विकास योजनाओं पर भरोसा जताया है। “चुनाव परिणाम मेरे 30 साल के राजनीतिक करियर की सबसे बड़ी जीत में से एक है। लोग जानते हैं कि मैं वादे निभाता हूं और उनका भरोसा कभी नहीं तोड़ता।”
विपक्ष के आरोप और पवार का पलटवार
हाल ही में कुछ विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया था कि बारामती समेत कई क्षेत्रों में ईवीएम में छेड़छाड़ और मतगणना प्रक्रिया में अनियमितताएं हुईं। इन आरोपों पर पवार ने कहा —
“यह हार मानने से बचने का बहाना है। चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है, जिस पर हम सभी को भरोसा होना चाहिए। अगर किसी को शिकायत है तो वह अदालत या चुनाव आयोग के पास जाए, प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयानबाजी करने से कुछ नहीं होगा।”
चुनावी प्रदर्शन पर गर्व
अजित पवार ने यह भी कहा कि उनकी जीत सिर्फ आंकड़ों में बड़ी नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश भी देती है। “इतने बड़े अंतर से जीत का मतलब है कि विपक्ष की नकारात्मक राजनीति को जनता ने नकार दिया। यह साफ संकेत है कि विकास और स्थिरता ही जनता की प्राथमिकता है।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि बारामती मॉडल को पूरे महाराष्ट्र में लागू करने की दिशा में काम किया जाएगा। इसमें कृषि सुधार, सिंचाई परियोजनाएं, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर खास ध्यान दिया जाएगा।
परिवार और पार्टी के भीतर सियासी समीकरण
अजित पवार की यह टिप्पणी उस समय आई है, जब एनसीपी के भीतर शरद पवार और अजित पवार गुट के बीच खींचतान जारी है। पार्टी के दो फाड़ होने के बाद भी अजित पवार ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में जबरदस्त जीत दर्ज की, जिसे उनके राजनीतिक प्रभाव की बड़ी पुष्टि माना जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह जीत पवार के लिए आगामी विधानसभा चुनावों में एक मजबूत पोज़ीशन तैयार करती है।
वोट चोरी विवाद पर आगे की राह
विशेषज्ञों के मुताबिक, “वोट चोरी” जैसे आरोप भारतीय राजनीति में आम हैं, लेकिन बिना सबूत के ये आरोप जनता के बीच असर खो देते हैं। अजित पवार का आक्रामक बचाव और अपने कामकाज का हवाला देना उनके समर्थकों के मनोबल को और मजबूत कर सकता है।
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