79वें स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का संदेश: सुधार, आत्मनिर्भरता और हर भारतीय को सशक्त बनाने का संकल्प
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15 अगस्त: 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत और व्यापक सुधारों को एक विकसित, सशक्त और आधुनिक भारत की नींव बताया। उन्होंने कहा कि पिछले दशक में देश ने रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन अब इसे और अधिक गति देने का समय है।
कानूनों और अनुपालन में बड़े बदलाव
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार ने 40,000 से अधिक अनावश्यक अनुपालनों को समाप्त किया है और 1,500 से अधिक पुराने कानूनों को निरस्त किया है। हाल के सत्र में 280 से अधिक कानूनी प्रावधान हटाए गए हैं, जिससे शासन और प्रशासन को सरल और नागरिक-अनुकूल बनाया गया है।
उन्होंने जोर दिया कि सुधार केवल अर्थशास्त्र तक सीमित नहीं हैं, बल्कि नागरिकों के रोजमर्रा के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का लक्ष्य रखते हैं।
मुख्य सुधारों में शामिल हैं:
- आयकर सुधार और फेसलेस मूल्यांकन प्रणाली
- ₹12 लाख वार्षिक आय तक शून्य आयकर का प्रावधान
- भारतीय न्याय संहिता के तहत पुराने आपराधिक कानूनों का प्रतिस्थापन
उद्यमियों और MSME के लिए राहत
मोदी ने कहा कि सरकार का उद्देश्य स्टार्टअप, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए व्यवसाय करना आसान बनाना है। अनावश्यक कानूनी प्रावधान हटाकर और अनुपालन लागत घटाकर एक नवाचार-उन्मुख और आत्मनिर्भर आर्थिक माहौल तैयार किया जा रहा है।
अगली पीढ़ी के सुधारों की तैयारी
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि एक विशेष कार्य बल बनाया जाएगा, जो सभी आर्थिक कानूनों और प्रक्रियाओं की समीक्षा करेगा। इसका उद्देश्य होगा:
- अनुपालन लागत को न्यूनतम करना
- मनमानी कानूनी कार्रवाइयों से बचाव
- Ease of Doing Business को और बढ़ावा देना
GST सुधार और आम आदमी के लिए राहत
मोदी ने इस दिवाली तक अगली पीढ़ी के वस्तु एवं सेवाकर (GST) सुधारों की घोषणा की, जिनका लक्ष्य दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर करों में कमी लाना है। उन्होंने इसे “आम आदमी के लिए दिवाली का तोहफा” बताया, जिससे खपत और आर्थिक गतिविधि दोनों को बल मिलेगा।
भविष्य की दृष्टि
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को दूसरों से प्रतिस्पर्धा करने के बजाय अपनी प्रगति की रेखा को आगे बढ़ाना चाहिए। बदलते वैश्विक आर्थिक माहौल में, भारत को अपनी क्षमताओं और अवसरों का विस्तार करते हुए एक लचीला, समावेशी और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी राष्ट्र बनना होगा।
मोदी का स्वतंत्रता दिवस संबोधन साफ संदेश देता है — सुधार, आत्मनिर्भरता और नागरिक सशक्तिकरण आने वाले वर्षों में भारत की प्रगति के तीन प्रमुख स्तंभ होंगे। कानूनी सुधारों से लेकर कर राहत और उद्यमिता को प्रोत्साहन तक, यह दृष्टिकोण भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में निर्णायक कदम है।
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