समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 सितंबर: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा एक बार फिर अपने बयान को लेकर विवादों के केंद्र में हैं। हाल ही में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर विवादित टिप्पणी की, जिसके बाद छत्तीसगढ़ में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अब मोइत्रा ने सफाई देते हुए कहा है कि उनके शब्दों को संदर्भ से हटाकर प्रस्तुत किया गया और यह महज एक मुहावरे का गलत अर्थ निकालने जैसा है।
महुआ मोइत्रा ने दी सफाई
महुआ मोइत्रा ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “Idiots don’t understand idioms” यानी “मूर्ख लोग मुहावरों को नहीं समझते।” उन्होंने समझाते हुए कहा कि जब विदेशी मीडिया ने 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए झटका बताया था, तो वहां लिखा गया था कि “heads will roll”। इसका अर्थ सिर काटना नहीं बल्कि जवाबदेही तय होना था।
मोइत्रा ने कहा कि बंगाली भाषा में इस तरह के मुहावरों का इस्तेमाल जवाबदेही और शर्मिंदगी के संदर्भ में किया जाता है। उन्होंने कहा, “यह केवल एक कहावत थी, इसे हिंसात्मक बयान के तौर पर पेश करना गलत है।”
Hello @RaipurPoliceCG this one’s for you. Be careful with filing fake cases. Courts see through them & then heads will roll. pic.twitter.com/ibLjPD5bGl
— Mahua Moitra (@MahuaMoitra) August 31, 2025
विवादित बयान से मचा हड़कंप
विवाद तब शुरू हुआ जब महुआ मोइत्रा ने अपने भाषण में कहा था कि गृह मंत्री अमित शाह का “सिर काटकर टेबल पर रख देना चाहिए क्योंकि वे अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ को रोकने में नाकाम रहे हैं।”
उन्होंने आरोप लगाया था कि गृह मंत्रालय सीमा सुरक्षा को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहा है। महुआ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 15 अगस्त के भाषण का हवाला देते हुए कहा कि उस समय पीएम ने खुद घुसपैठ और जनसांख्यिकीय बदलाव की बात की थी, जबकि गृह मंत्री अमित शाह सिर्फ हंसते और ताली बजाते नजर आए।
विपक्ष का पलटवार, मामला दर्ज
महुआ मोइत्रा के इस बयान पर बीजेपी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी। कई नेताओं ने कहा कि इस तरह की भाषा न केवल संसद की गरिमा को ठेस पहुँचाती है, बल्कि राजनीतिक संवाद को भी हिंसात्मक बना देती है।
छत्तीसगढ़ में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि इस बयान की जांच की जा रही है और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई होगी।
राजनीतिक विवाद का नया मोड़
महुआ मोइत्रा के विवादास्पद बयानों का इतिहास रहा है। इससे पहले भी वे कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी नेताओं पर तीखे हमले कर चुकी हैं। हालांकि, इस बार मामला सीधे गृह मंत्री अमित शाह से जुड़ा होने के कारण सियासी तापमान और ज्यादा बढ़ गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह विवाद आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है। विपक्ष महुआ मोइत्रा की टिप्पणी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़ सकता है, वहीं सत्तारूढ़ दल इसे व्यक्तिगत हमले और हिंसा भड़काने की कोशिश के तौर पर पेश कर रहा है।
महुआ मोइत्रा का बयान और उसके बाद दी गई सफाई ने भारतीय राजनीति में एक बार फिर भाषा और मर्यादा पर बहस छेड़ दी है। सवाल यह है कि क्या राजनीति में कटाक्ष और मुहावरों का इस्तेमाल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा माना जाएगा या फिर इसे आपराधिक टिप्पणी की श्रेणी में रखा जाएगा।
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