समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 3 सितंबर: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने अपने कैंप कार्यालय से ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम को दोबारा शुरू कर जनता को बड़ी राहत दी है। लंबे समय से जनता की यह मांग थी कि मुख्यमंत्री सीधे जनता से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुनें और मौके पर समाधान की दिशा में कदम उठाएँ। अब इस पहल से आम लोगों को उम्मीद है कि उनकी शिकायतें न केवल सुनी जाएँगी बल्कि उनका समाधान भी तेज़ी से होगा।
जनता से सीधा संवाद
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि सरकार का पहला उद्देश्य लोगों की तकलीफ़ों को समझना और उन्हें दूर करना है। ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम इसी दिशा में एक ठोस प्रयास है, जहाँ कोई भी नागरिक अपनी समस्या, शिकायत या सुझाव सीधे मुख्यमंत्री तक पहुँचा सकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि जनता की आवाज़ ही लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताक़त है और उनकी सरकार हमेशा इस आवाज़ को सुनने और उस पर कार्रवाई करने के लिए तत्पर है।
समस्याओं पर त्वरित कार्रवाई
कार्यक्रम के पहले दिन बड़ी संख्या में लोग मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय पहुँचे। बिजली, पानी, सीवर, सफाई व्यवस्था और आवास से जुड़ी समस्याओं पर लोगों ने अपने मुद्दे रखे। रेखा गुप्ता ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर समस्या पर तुरंत एक्शन लिया जाए और लोगों को समाधान की समयसीमा भी बताई जाए। उन्होंने कहा कि “लोगों को दफ्तर-दर-दफ्तर भटकना न पड़े, यही इस पहल का मुख्य उद्देश्य है।”
महिलाओं और युवाओं की भागीदारी
‘जन सुनवाई’ में बड़ी संख्या में महिलाएँ और युवा भी पहुँचे। महिलाओं ने सुरक्षा, स्वास्थ्य और राशन से जुड़ी समस्याएँ बताईं, वहीं युवाओं ने रोजगार, स्किल डेवलपमेंट और शिक्षा से जुड़े मुद्दे रखे। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं और युवाओं की आवाज़ को प्राथमिकता दी जाएगी क्योंकि वही समाज की असली ताक़त हैं।
विपक्ष पर तंज
रेखा गुप्ता ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आलोचना करना आसान है लेकिन जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएँ सुनना और हल निकालना मुश्किल। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने हमेशा जनसरोकार को प्राथमिकता दी है और आगे भी यही रास्ता अपनाया जाएगा।
दिल्ली में ‘जन सुनवाई’ कार्यक्रम का फिर से शुरू होना जनता और सरकार के बीच संवाद की खाई को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह न केवल प्रशासन को जवाबदेह बनाएगा बल्कि नागरिकों को भी यह भरोसा देगा कि उनकी समस्याएँ सीधे मुख्यमंत्री तक पहुँच रही हैं। आने वाले दिनों में इस पहल का कितना असर दिखेगा, यह देखना दिलचस्प होगा, लेकिन फिलहाल दिल्ली की जनता में इस कदम को लेकर उत्साह और संतोष दोनों है।
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