समग्र समाचार सेवा
नागपुर, 15 सितंबर: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम की आलोचना को राजनीति से प्रेरित करार देते हुए इसे पूरी तरह खारिज कर दिया। नागपुर में एग्रीकोस वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में गडकरी ने स्पष्ट कहा कि उन्हें पैसों की कोई कमी नहीं है और वे हमेशा किसानों और समाज के हित में काम करते हैं।
गडकरी ने मज़ाकिया अंदाज में कहा, “मेरा दिमाग़ 200 करोड़ रुपये प्रति माह का है। मेरे पास पैसों की कोई कमी नहीं है और मैं कभी नीचे नहीं गिरता।” उनके इस बयान ने न केवल श्रोताओं का ध्यान खींचा बल्कि आलोचकों को भी सीधा संदेश दिया।
इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल पर विवाद और महत्व
केंद्र सरकार हाल के वर्षों में 20 प्रतिशत इथेनॉल (E20) मिश्रित पेट्रोल को बढ़ावा दे रही है। गडकरी का कहना है कि यह स्वच्छ ईंधन है, जिससे न केवल प्रदूषण कम होगा बल्कि किसानों को गन्ना और मक्का जैसी फसलों के बेहतर दाम भी मिलेंगे।
हालाँकि, आलोचकों का तर्क है कि इथेनॉल उत्पादन से पानी की भारी खपत होगी और यह वाहनों के इंजन पर भी नकारात्मक असर डाल सकता है। गडकरी ने इन चिंताओं को राजनीति से प्रेरित बताते हुए कहा कि यह कदम किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
व्यक्तिगत आरोपों का जवाब
कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने उन व्यक्तिगत आरोपों का भी जवाब दिया, जिनमें उनके परिवार पर निजी लाभ उठाने के आरोप लगाए गए थे। उन्होंने कहा, “मैं अपने बेटों को सुझाव देता हूँ, लेकिन धोखाधड़ी नहीं करता।”
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि उनके बेटे ने हाल ही में ईरान से 800 कंटेनर सेब आयात किए और भारत से 1,000 कंटेनर केले निर्यात किए। गडकरी ने स्पष्ट किया कि उनके पास एक चीनी मिल, डिस्टिलरी और बिजली संयंत्र है, लेकिन इन सबका मकसद निजी लाभ नहीं बल्कि रोजगार और विकास है।
स्थानीय व्यापार और किसानों को प्रोत्साहन
गडकरी ने अपने संबोधन में स्थानीय व्यापारियों और किसानों को सशक्त बनाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि नागपुर में वे सब्ज़ी और फल विक्रेताओं को फल मॉल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। उनका मानना है कि इस तरह की पहल से न केवल व्यापार बढ़ेगा बल्कि किसानों की आय भी दोगुनी होगी।
उन्होंने कहा, “मैं यह सब अपनी कमाई के लिए नहीं कर रहा हूँ। मेरी आय पर्याप्त है। मेरा मकसद किसानों और व्यापारियों को आत्मनिर्भर बनाना है।”
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