समग्र समाचार सेवा
चित्रकूट, 15 सितंबर: आध्यात्मिक गुरु जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपनी पूर्व की टिप्पणी दोहराते हुए कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की स्थिति ‘छोटे पाकिस्तान’ जैसी है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कई लोग हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर कर रहे हैं।
एएनआई से बातचीत में रामभद्राचार्य ने कहा, “मैं आज भी यही कहता हूँ। संभल से हिंदू क्यों पलायन कर रहे हैं? मेरठ और मुज़फ़्फ़रनगर में भी हिंदुओं पर दबाव बढ़ रहा है। मैंने क्या गलत कहा?” उनका यह बयान उस विवाद का हिस्सा है, जो उन्होंने पहले किया था और जिसमें उन्होंने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में रहना ‘छोटे पाकिस्तान’ जैसा अनुभव बताया था।
कांग्रेस पर आरोप
रामभद्राचार्य ने 31 अगस्त को 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों की बरी होने के बाद कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कांग्रेस कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाई और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। कांग्रेस बेनकाब हो गई है। वे कोई सबूत नहीं जुटा पाए। आज हम जीत गए हैं और सभी बरी हुए लोगों के खिलाफ कांग्रेस पर मानहानि का मुकदमा दायर होना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि “हिंदू कभी आतंकवादी नहीं हो सकते, इतिहास देख लीजिए।”
मुस्लिम नेता की प्रतिक्रिया
अखिल भारतीय मुस्लिम जमात (एआईएमजे) के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी बरेलवी ने रामभद्राचार्य की ‘मिनी पाकिस्तान’ टिप्पणी की आलोचना की और इसे “निराधार दावा” बताया। उन्होंने कहा, “वह निराधार दावे कर रहे हैं, इसका कोई आधार नहीं है। ऐसे आध्यात्मिक नेताओं को पाकिस्तान का नाम नहीं लेना चाहिए।”
सामुदायिक सद्भाव का संदेश
संभल, मुजफ्फरनगर और मेरठ में पलायन के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए मौलाना रज़वी ने कहा कि इन क्षेत्रों में हिंदू और मुसलमान दोनों समुदायों के बीच सद्भाव बना हुआ है। उन्होंने कहा, “यहाँ कोई पलायन नहीं हो रहा है; हिंदू और मुसलमान साथ-साथ रह रहे हैं। इन जगहों पर दोनों समुदायों की जनसंख्या बढ़ी है।”
रामभद्राचार्य और मुस्लिम नेताओं के बयानों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सामाजिक और राजनीतिक स्थितियों पर बहस को फिर से उभारा है। यह मामला धार्मिक और सामुदायिक संतुलन के मुद्दों के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण बन गया है।
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