बीजेपी अध्यक्ष का सस्पेंस: गडकरी ने कहा, “सवाल सही, लेकिन जवाब नड्डा ही दे सकते हैं”

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19 सितंबर: बिहार विधानसभा चुनावों की सरगर्मी बढ़ने के बीच एक सवाल बार-बार उठा है—बीजेपी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा? इस सवाल ने अब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को भी घेर लिया। एक हालिया कार्यक्रम में जब उनसे पूछा गया कि आखिर पार्टी अध्यक्ष का चयन क्यों नहीं हो पा रहा है, तो गडकरी ने चुटकी लेते हुए कहा, “आपने गलत आदमी से सवाल पूछा है। इसका सही जवाब सिर्फ जेपी नड्डा ही दे सकते हैं। मेरे पास इसका जवाब नहीं है।”

जेपी नड्डा ने 2020 में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाला था। पहले उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया और बाद में पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनका पहला कार्यकाल पूरा होने के बाद इसे बढ़ाया गया। लंबे समय से पार्टी में नए अध्यक्ष के चयन को लेकर सहमति नहीं बन पा रही है।

दिल्ली में संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी इसी सवाल को लेकर चर्चा हुई थी। उन्होंने कहा था कि अगर चुनाव तुरंत होते तो इतनी देरी नहीं होती। इस बार यह सवाल इसलिए फिर से छिड़ा क्योंकि 22 सितंबर से नवरात्रि शुरू हो रही है। नवरात्रि और 2 अक्टूबर को विजयादशमी के मौके पर नागपुर के संघ मुख्यालय में होने वाले विशेष कार्यक्रम पर सभी की निगाहें टिकी हैं। इस अवसर पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मुख्य अतिथि होंगे, जबकि मोहन भागवत अपना संबोधन देंगे।

सूत्रों की मानें तो पार्टी नए अध्यक्ष के चयन में बिहार विधानसभा चुनावों को भी ध्यान में रख रही है। चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले अध्यक्ष का नाम घोषित किया जा सकता है। कुछ नेताओं का कहना है कि पार्टी नए अध्यक्ष के नेतृत्व में ही चुनाव मैदान में उतरेगी।

बीजेपी अध्यक्ष के चयन में देरी का एक कारण उपराष्ट्रपति चुनाव भी बताया जा रहा है। चर्चा है कि नए अध्यक्ष के लिए 100 से अधिक वरिष्ठ नेताओं की राय ली गई है। संघ की भूमिका इस प्रक्रिया में अहम मानी जा रही है। इसके अलावा, सीपी राधाकृष्णन ओबीसी होने के कारण पार्टी अब नए अध्यक्ष के चयन में ओबीसी दबाव से बाहर है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि नए अध्यक्ष के रूप में किसी सवर्ण नेता पर पार्टी का दांव खेल सकता है।

नितिन गडकरी के जवाब ने साफ कर दिया है कि इस मसले में जल्दबाजी नहीं है। पार्टी रणनीति और संघ के विचारों को ध्यान में रखते हुए ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा। यह भी संभावना जताई जा रही है कि नवरात्रि और विजयादशमी के समय कोई संकेत या आधिकारिक घोषणा हो सकती है।

बीजेपी के अध्यक्ष का सस्पेंस फिलहाल बना हुआ है। राजनीतिक गलियारों में इसे लेकर अलग-अलग अटकलें और चर्चाएं तेज हैं। पार्टी समर्थक और विरोधी दोनों ही इस फैसले पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं।

 

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