तेजस्वी यादव का एनडीए पर हमला: बिहार में अपराध चरम पर, विकास रुक गया

समग्र समाचार सेवा
समस्तीपुर, 25 सितंबर: राजद नेता और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 24 सितंबर को राज्य की कानून व्यवस्था और विकास की स्थिति पर एनडीए सरकार पर करारा हमला किया। समस्तीपुर में बिहार अधिकार यात्रा के दौरान मीडिया से बातचीत में तेजस्वी ने आरोप लगाया कि राज्य में अपराध चरम पर पहुंच गया है और अपराधी अब ‘विजय’ और ‘सम्राट’ बन गए हैं, कटाक्ष करते हुए उन्होंने दोनों उप मुख्यमंत्रियों विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी का नाम लिया।

तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछले दो दशकों में एनडीए के शासन में बिहार का विकास रुक गया है। उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार अब भी देश का सबसे गरीब राज्य है, जहां बेरोजगारी और पलायन सबसे अधिक है। प्रति व्यक्ति आय सबसे कम है और निवेश न्यूनतम स्तर पर है। उनका कहना है कि नीतीश कुमार सरकार उद्योगों को लाने और रोजगार देने में असफल रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने जोर देकर कहा कि कानून-व्यवस्था और बुनियादी ढांचे को दुरुस्त किए बिना बिहार का विकास असंभव है। तेजस्वी ने कहा, “जब तक आप बिहार को अपराध मुक्त नहीं बनाएंगे और बिजली की व्यवस्था बेहतर नहीं करेंगे, तब तक उद्योग-धंधे नहीं पनपेंगे। सबसे गरीब राज्य पूरे देश में सबसे महंगी बिजली वसूल रहा है, क्योंकि हम खुद बिजली बनाने के बजाय महंगी बिजली खरीदते हैं। हमारी पार्टी सत्ता में आएगी तो हम बुनियादी ढांचे के निर्माण और सस्ती बिजली उपलब्ध कराने पर काम करेंगे।”

नीतीश कुमार की हालिया कल्याणकारी घोषणाओं जैसे कि कैश ट्रांसफर और मुफ्त बिजली पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने सरकार पर राजद के विचारों की नकल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के पास न कोई विजन है, न कोई ब्लूप्रिंट और न ही कोई रोडमैप। तेजस्वी ने यह भी सवाल उठाया कि जब राजद ने नौकरियों, पेंशन, मुफ्त बिजली या डोमिसाइल की बात की थी तो लोगों ने पूछा कि पैसा कहां से आएगा, अब यह सवाल क्यों नहीं उठ रहा।

तेजस्वी यादव ने बताया कि बिहार अधिकार यात्रा का उद्देश्य उन जिलों को कवर करना है, जिन्हें वोटर अधिकार यात्रा के दौरान छूट गया था। उन्होंने कहा कि चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद उनकी पार्टी बिहार के विकास के लिए विस्तृत रोडमैप जारी करेगी।

राजद नेता ने अंत में स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता राज्य में कानून-व्यवस्था सुधारना, सस्ती बिजली उपलब्ध कराना और उद्योगों एवं निवेश को बढ़ावा देना होगी। उनका यह बयान आगामी चुनावों के लिहाज से बिहार की जनता को चेतावनी और उनके एजेंडे की रूपरेखा दोनों प्रस्तुत करता है।

 

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