ओवैसी का बड़ा बयान: “मुझे पीएम बनने का शौक नहीं, पहलगाम हमले पर पाकिस्तान को जवाब देने का मौका गंवाया गया”

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 1 अक्टूबर: एआईएमआईएम (AIMIM) प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर अपने बयान से राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री बनने की कोई महत्वाकांक्षा नहीं है, बल्कि वे अपनी सीमाओं और वास्तविकता को अच्छी तरह समझते हैं।

पहलगाम हमले के बाद “जवाब देने का अवसर”

ओवैसी ने हाल ही में हुए जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि यह पाकिस्तान को करारा जवाब देने का सही अवसर था। उन्होंने सवाल उठाया कि जब पूरा देश तैयार था, तो अचानक कार्रवाई क्यों रोक दी गई?

ओवैसी बोले—
यह मौका क्यों रुक गया? जब पूरा देश जवाब देने के लिए तैयार था, तो अचानक ऑपरेशन क्यों रोक दिया गया? अब संसद में पीओके पर चर्चा करने का क्या मतलब है?

ऑपरेशन सिंदूर पर टिप्पणी

एआईएमआईएम नेता ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर को रोका गया है, लेकिन इसे समाप्त नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद भारत ने सैन्य कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन अब यह बीच में अटक गया है।

एशिया कप और पाकिस्तान नीति पर आलोचना

ओवैसी ने भारत-पाकिस्तान संबंधों पर सरकार के रुख की आलोचना भी की। उन्होंने हाल ही में हुए एशिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान के प्रति सख्त रुख अपनाने में ढिलाई दिखाई।

महाराष्ट्र नगर निगम चुनावों में एंट्री

राजनीतिक मोर्चे पर ओवैसी ने घोषणा की कि एआईएमआईएम महाराष्ट्र के आगामी नगर निगम चुनावों में हिस्सा लेगी। उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ेगी और जनता की आवाज़ बनेगी।

“आई लव मुहम्मद” विवाद पर बयान

हाल ही में उठे “आई लव मुहम्मद” विवाद पर ओवैसी ने कहा कि भारत ऐसा देश है जहां हर समुदाय को अपने धार्मिक विश्वासों पर गर्व करने का अधिकार है। उन्होंने कहा—
पैगंबर मोहम्मद मुसलमानों के लिए सबसे अहम हैं और संविधान का अनुच्छेद 25 सभी धर्मों को स्वतंत्रता देता है। हिंसा की सोच गलत है। भारत किसी एक धर्म का नहीं, बल्कि सभी का है।

ओवैसी ने बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल एक धर्म को मान्यता देने की कोशिश करते हैं, जबकि संविधान स्पष्ट रूप से कहता है कि भारत किसी एक धर्म का देश नहीं है।

ओवैसी के ताज़ा बयानों से राजनीतिक हलकों में नई बहस छिड़ गई है। एक ओर उन्होंने पाकिस्तान और पहलगाम हमले के संदर्भ में सरकार पर सवाल खड़े किए, वहीं दूसरी ओर धार्मिक स्वतंत्रता और चुनावी राजनीति पर अपनी स्पष्ट राय रखी। अब देखना होगा कि उनके इन बयानों का असर आने वाले चुनावों और राष्ट्रीय राजनीति पर कितना पड़ता है।

 

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