समग्र समाचार सेवा
पटना, 1 अक्टूबर: बिहार में विशेष गहन संशोधन (SIR) प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा अंतिम मतदाता सूची जारी कर दी गई है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि कांग्रेस ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने को लेकर एक भी आपत्ति दर्ज नहीं कराई। उन्होंने राहुल गांधी की “वोटर अधिकार यात्रा” को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए इसे “वोट चोरी का झूठा नैरेटिव” करार दिया।
“वोट चोरी का नैरेटिव झूठा” – अमित मालवीय
मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा –
“निर्वाचन आयोग ने बिहार में SIR प्रक्रिया पूरी कर अंतिम मतदाता सूची जारी की। यह ध्यान देने योग्य है कि कांग्रेस ने नाम जोड़ने या हटाने के लिए एक भी शिकायत या आपत्ति दर्ज नहीं की।”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि राहुल गांधी की यात्रा का मकसद अवैध प्रवासियों को संरक्षण देना और लोगों को गुमराह करना है। साथ ही इसे जॉर्ज सोरोस की किताब से निकली रणनीति बताते हुए कहा कि कांग्रेस चुनावी हार छिपाने के लिए लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर अविश्वास पैदा कर रही है।
As the Election Commission concludes the SIR exercise in Bihar and publishes the final voter roll, let it be noted — the Congress party did not file a single complaint or objection, in the prescribed format, for either inclusion or deletion.
This exposes Rahul Gandhi’s… https://t.co/N8NNjKe8pf
— Amit Malviya (@amitmalviya) September 30, 2025
कांग्रेस ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर उठाए सवाल
दूसरी ओर, बिहार कांग्रेस प्रमुख राजेश राम ने SIR प्रक्रिया को शुरू से ही धोखा बताया। उन्होंने कहा,
“यह प्रक्रिया न जनता ने मांगी और न ही राजनीतिक दलों ने। इसके बावजूद इसे लापरवाही और अपारदर्शिता के साथ किया गया। हमारे कार्यकर्ता राज्यभर में जांच करेंगे कि कितने नाम हटाए गए और कितने जोड़े गए। यह मामला यहीं खत्म नहीं होगा।”
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने भी निर्वाचन आयोग से पारदर्शिता की मांग की। उन्होंने सवाल उठाया –
“बिहार की अंतिम मतदाता सूची से हटाए गए 47 लाख मतदाता कौन हैं? इनमें कितने लोग अन्य राज्यों में चले गए, कितने मृतक हैं और कितने फर्जी मतदाता थे? आयोग को यह स्पष्ट करना होगा।”
47 लाख मतदाता सूची से बाहर
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने अंतिम मतदाता सूची जारी करते हुए मतदाताओं और राजनीतिक दलों का आभार व्यक्त किया।
नई सूची में कुल 7.42 करोड़ मतदाता दर्ज हैं, जबकि 24 जून तक यह संख्या 7.89 करोड़ थी। यानी, लगभग 47 लाख मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए हैं।
बीजेपी का कहना है कि यह प्रक्रिया नियमों के तहत पारदर्शी तरीके से पूरी की गई है। जबकि कांग्रेस का आरोप है कि इस संशोधन से लाखों वैध मतदाताओं को सूची से बाहर कर दिया गया है।
बिहार की अंतिम मतदाता सूची जारी होने के बाद शुरू हुई यह सियासी जंग फिलहाल और गहराती दिख रही है। जहां बीजेपी कांग्रेस पर झूठा नैरेटिव फैलाने का आरोप लगा रही है, वहीं कांग्रेस 47 लाख नाम हटने पर जवाब मांग रही है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा न केवल बिहार बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी बड़ा राजनीतिक विवाद बन सकता है।
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