प्रियंका चतुर्वेदी का बिहार बीजेपी पर तीखा हमला: कहा- मानसिक दिवालियापन साफ दिख रहा है

समग्र समाचार सेवा
दिल्ली, 5 अक्टूबर: दिल्ली में शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बिहार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी की मानसिक दिवालियापन अब साफ नजर आने लगी है। उनके अनुसार, बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही बीजेपी बेबस और बेकाबू होती दिखाई दे रही है।

बिहार चुनाव के बीच बीजेपी पर हमला

प्रियंका चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि बिहार उनके हाथ से फिसल रहा है, इसलिए पार्टी लगातार ध्यान भटकाने वाले और आपत्तिजनक बयान दे रही है। उन्होंने कहा, “बीजेपी ने हर संभव प्रयास किया लेकिन जनता अब सवाल पूछ रही है। लंबे समय तक केंद्र और राज्यों में सत्ता का हिस्सा रहने के बावजूद, पार्टी जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी।”

चुनाव आयोग की साख पर सवाल

सांसद ने कहा कि बीजेपी नेताओं द्वारा चुनाव आयोग को लेकर दिए जा रहे बयान लोकतंत्र के लिए खतरनाक संकेत हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि चुनाव आयोग को ऐसे सलाहकारों या नेताओं के नाम तुरंत खारिज कर देना चाहिए, जो उसकी गरिमा और साख पर सवाल उठाते हैं।

प्रियंका ने आईएएनएस को दिए बयान में कहा, “यह बयान न केवल राजनीति की गिरती भाषा को दर्शाता है बल्कि लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा को भी चोट पहुंचाता है।” उनका यह तंज स्पष्ट संकेत है कि विपक्ष आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की मुश्किलों को उजागर करने के लिए चुनाव आयोग और जनता के मुद्दों का इस्तेमाल करेगा।

विपक्ष बीजेपी को घेरने में सक्रिय

बिहार चुनाव नज़दीक हैं और विपक्ष लगातार बीजेपी को घेरने की रणनीति पर काम कर रहा है। प्रियंका चतुर्वेदी के बयान से यह साफ हो गया कि बीजेपी के भीतर के विवादित बयान पार्टी के लिए चुनौती बन सकते हैं। विपक्ष ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव आयोग और जनता के मुद्दों को मुख्य हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी के नेताओं के विवादित बयानों से पार्टी की छवि और मुश्किल में बढ़ोतरी हो सकती है, जबकि विपक्ष इसे चुनावी लाभ में बदलने की पूरी कोशिश कर रहा है।

राजनीतिक माहौल गरम

राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, प्रियंका चतुर्वेदी का बयान बीजेपी के लिए चेतावनी स्वरूप है। यह संकेत है कि आगामी चुनाव में विपक्ष और जनता की उम्मीदों के बीच चुनावी लड़ाई तीव्र होगी। बिहार विधानसभा चुनाव की नज़दीकी के साथ ही राजनीतिक बयानबाजी और हमलावर रुख तेजी से बढ़ रहा है।

इससे यह भी स्पष्ट होता है कि बीजेपी को अपने आंतरिक विवाद और विपक्षी हमलों दोनों का सामना करना होगा, और आगामी चुनाव में पार्टी को अपने संदेश और रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना अनिवार्य होगा।

 

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