तालिबान पर प्रियंका चतुर्वेदी के पुराने ट्वीट फिर चर्चा में, कहा – “मेरे विचार नहीं बदले, वो आज भी उग्र इस्लामी हैं”

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: शिवसेना (यूबीटी) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। हाल ही में अफगानिस्तान को लेकर उनकी टिप्पणी के बाद उनके पुराने ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं, जिनमें उन्होंने तालिबान को “इस्लामी कट्टरपंथी” और “आतंकवादियों” की संज्ञा दी थी।

पुराना ट्वीट बना चर्चा का केंद्र

चतुर्वेदी का पुराना ट्वीट, जो अब फिर सामने आया है, में उन्होंने लिखा था —

“’Moderate’ Taliban. ‘Legitimate Stakeholder’ Taliban. ‘Give them a chance’ Taliban. ‘Sheru’s’ Taliban. शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण। अफगानिस्तान के लोगों के लिए केवल प्रार्थना ही की जा सकती है।”

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा था —

“विश्वास नहीं होता कि भारत में भी कुछ लोग तालिबान का बचाव कर रहे हैं और उन्हें मौका देने की बात कर रहे हैं। यह घृणित और शर्मनाक है। तालिबान इस्लामी चरमपंथी हैं जिन्हें शासन नहीं, केवल आतंकवाद आता है।”

प्रियंका की सफाई: “मेरा नजरिया नहीं बदला”

जब इन पुराने ट्वीट्स को फिर से साझा किया जाने लगा, तो प्रियंका चतुर्वेदी ने जवाब में लिखा —

“लोल! मेरे पुराने ट्वीट निकाल लाए? मेरा तालिबान पर दृष्टिकोण आज भी वैसा ही है — वे अब भी उग्र इस्लामी हैं, महिलाओं को अधिकारों से वंचित रखते हैं और पाकिस्तान के साथ मिलकर आईसी-814 हाईजैक जैसी घटनाओं में शामिल रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि,

“तालिबान सरकार अमेरिका और उसके सहयोगियों के निर्णय के कारण अफगानिस्तान में सत्ता में है, भारत की पसंद से नहीं। संदर्भ और समझ की कमी ही समस्या है।”

भारत-अफगानिस्तान संबंधों पर रणनीतिक दृष्टिकोण

प्रियंका चतुर्वेदी ने हाल ही में एक पोस्ट में लिखा था कि बदलते अमेरिका-पाकिस्तान और चीन-पाकिस्तान संबंधों के बीच भारत के लिए अफगानिस्तान के साथ रणनीतिक संवाद जरूरी है।

“भारत की सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के दृष्टिकोण से अफगानिस्तान से जुड़ाव आवश्यक है, भले ही वहां तालिबान सत्ता में हो,” उन्होंने कहा।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि,

“तालिबान का नेतृत्व भारत की पसंद नहीं, बल्कि अमेरिकी नीतियों का परिणाम है। इसलिए, भारत को अपने रणनीतिक हितों के अनुसार कदम बढ़ाने होंगे।”

महिला पत्रकारों के बहिष्कार पर नाराजगी

चतुर्वेदी ने तालिबान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की हालिया भारत यात्रा के दौरान आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को प्रवेश न देने पर भी कड़ी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा —

“तालिबान की सोच के कारण प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को आमंत्रित नहीं किया गया। पृष्ठभूमि में बामियान बुद्ध की तस्वीरें (जिन्हें तालिबान ने नष्ट किया था) लगाई गईं। यह ‘अफगानिस्तान अमीरात’ का प्रतीकात्मक संदेश और भी विडंबनापूर्ण है।”

कूटनीतिक पृष्ठभूमि में उठे विवाद

अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा और प्रेस वार्ता के दौरान महिलाओं के साथ हुए इस व्यवहार ने न केवल राजनीतिक हलकों, बल्कि मीडिया जगत में भी बहस छेड़ दी है।
कई पत्रकार संगठनों ने इस निर्णय की निंदा की, जबकि विपक्ष ने सरकार पर “तालिबान को वैधता देने” का आरोप लगाया।

 

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.