समग्र समाचार सेवा
पटना, 11 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव में अब एनडीए के स्टार प्रचारक के रूप में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मैदान में उतरने जा रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से बिहार में चुनावी रैलियों की शुरुआत करेंगे। एनडीए के उम्मीदवारों ने उनकी लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें चुनाव प्रचार में शामिल करने का निर्णय लिया है।
20 से अधिक रैलियों की तैयारी
जानकारी के अनुसार, योगी आदित्यनाथ बिहार में 20 से अधिक जनसभाएं करेंगे। बीजेपी की रणनीति है कि योगी की तेजस्वी और प्रभावशाली छवि से एनडीए के पक्ष में माहौल बनाया जाए।
बिहार और उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक व भाषाई समानताएं योगी के भाषणों को जनता के बीच और अधिक प्रभावशाली बना सकती हैं।
मध्य और उत्तरी बिहार पर रहेगा फोकस
सूत्रों के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ का मुख्य प्रचार अभियान मध्य और उत्तरी बिहार के जिलों में केंद्रित रहेगा — विशेषकर मिथिलांचल, सीतामढ़ी और दरभंगा में।
इन इलाकों में माता जानकी का जन्मस्थान होने के कारण धार्मिक भावना गहराई से जुड़ी हुई है।
मिथिला और अवध का ऐतिहासिक सांस्कृतिक संबंध भी योगी के प्रचार को मजबूत आधार दे सकता है।
इन रैलियों का कार्यक्रम लगभग तैयार है और अब केवल औपचारिक घोषणा शेष है।
योगी की छवि: सख्त प्रशासक और लोकप्रिय नेता
योगी आदित्यनाथ की पहचान एक सशक्त प्रशासक और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता के रूप में है।
उनकी साफ-सुथरी छवि, तेजतर्रार भाषण शैली और धार्मिक जुड़ाव उन्हें जनता में लोकप्रिय बनाते हैं।
बीजेपी को उम्मीद है कि योगी का प्रभाव न केवल हिंदू मतदाताओं में जोश भरने में सहायक होगा, बल्कि युवा वर्ग और ग्रामीण इलाकों में भी असर डालेगा।
एनडीए के एक वरिष्ठ नेता ने कहा,
“योगी आदित्यनाथ सिर्फ एक मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि हिंदुत्व की प्रतीक आवाज हैं। बिहार में उनकी उपस्थिति से कार्यकर्ताओं में ऊर्जा और मतदाताओं में विश्वास दोनों बढ़ेंगे।”
चुनावी समीकरण और तारीखें
बिहार विधानसभा चुनाव में दो चरणों में मतदान होगा —
पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को।
वोटों की गिनती 14 नवंबर को की जाएगी।
बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी (रामविलास) और हम (सेक्युलर) के साथ मिलकर एनडीए सत्ता बरकरार रखने की कोशिश में है, जबकि विपक्षी महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस) इस बार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव मैदान में है।
योगी के प्रचार का रणनीतिक महत्व
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि योगी की रैलियां धार्मिक और राष्ट्रीयता आधारित मुद्दों को फिर से केंद्र में लाने में मदद करेंगी।
उनकी मौजूदगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को पूरक मानी जा रही है, जिससे बिहार में एनडीए की एकजुटता का संदेश भी जाएगा।
एनडीए सूत्रों के अनुसार, योगी की प्रचार रैलियों के दौरान विकास, कानून-व्यवस्था, और हिंदू गौरव जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी जाएगी।
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