समग्र समाचार सेवा
पटना, 13 अक्टूबर: चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025 के तहत सभी 243 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने से संबंधित कोई अपील अब तक दर्ज नहीं हुई है। यह जानकारी 12 अक्टूबर तक की स्थिति के आधार पर दी गई है।
बिहार के मुख्य चुनाव आयुक्त ने यह जानकारी आधिकारिक सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर साझा की। उनके अनुसार यह पुनरीक्षण अभियान लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 24(क) के तहत चलाया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य आगामी विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को अद्यतन और त्रुटिरहित बनाना है।
अधिकारियों ने बताया कि सभी निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में मतदाता सूची की समीक्षा कर रहे हैं। इसमें नए मतदाताओं के नाम जोड़ने, गलत या दोहरे नाम हटाने और अन्य सुधार शामिल हैं। इस प्रक्रिया के खिलाफ जिला मजिस्ट्रेट के पास अपील करने का प्रावधान है, लेकिन अब तक किसी भी मतदाता या पक्ष की ओर से कोई शिकायत या अपील प्राप्त नहीं हुई है।
चुनाव आयोग का कहना है कि यह अभियान मतदाता सूची को साफ-सुथरा और सटीक बनाए रखने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे न केवल मतदाताओं का विश्वास बढ़ता है, बल्कि चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता भी सुनिश्चित होती है।
आयोग ने लोगों से अपील की है कि यदि किसी को अपनी मतदाता सूची में कोई त्रुटि दिखाई दे, तो वे तत्काल अपने निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी से संपर्क करें। इसके लिए विशेष कैंप और ऑनलाइन पोर्टल भी उपलब्ध हैं, जिससे मतदाता आसानी से अपनी जानकारी अपडेट कर सकते हैं।
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मतदाता सूची को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाएगी, ताकि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 समय पर और सुचारू रूप से संपन्न हो सके।
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव इस बार दो चरणों में होंगे। पहला चरण 6 नवंबर को और दूसरा चरण 11 नवंबर को आयोजित होगा। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। यह जानकारी भारत निर्वाचन आयोग ने 6 अक्टूबर को घोषित की थी।
विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2025 का यह पहल चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और लोकतांत्रिक विश्वास बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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