असम में कांग्रेस का ‘राजीवर पोदुली, राजीवर कांग्रेस’ अभियान शुरू: गौरव गोगोई बोले—भाजपा ने चाय जनजातियों की आवाज दबाई
समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 14 अक्टूबर: असम में 2026 विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी ने जनता के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने और पुराने जनसंपर्क तंत्र को पुनर्जीवित करने के लिए एक बड़ा राजनीतिक अभियान शुरू किया है।
‘राजीवर पोदुली, राजीवर कांग्रेस’ नामक इस राज्यव्यापी पहल की शुरुआत असम प्रदेश कांग्रेस समिति (APCC) के नेता गौरव गोगोई ने सोमवार को बिस्वनाथ जिले के प्रतापगढ़ चाय बागान से की।
यह कार्यक्रम पूर्व मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के समय के लोकप्रिय अभियान ‘राजीवर पोदुलित, राजीवर सरकार’ से प्रेरित बताया जा रहा है।
चाय बागानों में पांच दिवसीय जनसंपर्क अभियान
कांग्रेस ने इस पहल के तहत राज्य के 100 चाय बागानों में पांच दिवसीय जागरूकता और विरोध कार्यक्रम शुरू किया है। इसका उद्देश्य है — चाय बागान समुदायों के साथ सीधा संवाद स्थापित करना, उनकी समस्याओं को समझना और पार्टी की जड़ों को फिर से मजबूत करना।
यह कार्यक्रम असम प्रदेश चाय श्रमिक जनजातीय कांग्रेस विंग के तहत आयोजित किया जा रहा है। गौरव गोगोई ने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि राजनीति लोगों के आंगन तक पहुंचे और हर बागान में जनता की आवाज सीधे सुनी जाए।
“हमने ‘राजीवर पोदुली, राजीवर कांग्रेस’ की शुरुआत की है ताकि हर घर और हर चाय बागान तक पहुंचा जा सके। हमारा लक्ष्य है — एक ऐसी कांग्रेस बनाना जो लोगों के साथ खड़ी हो, न कि केवल सत्ता के गलियारों में सीमित रहे,”
— गौरव गोगोई, सांसद।
भाजपा सरकार पर हमला: ‘शेर से बिल्ली बना दिया नेताओं को’
गोगोई ने कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने चाय जनजातियों के नेताओं को “शेर से बिल्ली” बना दिया है।
“कांग्रेस के शासन में चाय जनजातियों के नेता शेर की तरह गरजते थे, लेकिन भाजपा के दौर में वे म्याऊं करने लगे हैं। हमारी सरकार ने उन्हें राजनीतिक रूप से सशक्त किया था, जबकि आज वे खामोश हैं और श्रमिक भूखे पेट संघर्ष कर रहे हैं,”
— गौरव गोगोई।
गोगोई ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सरमा के कार्यकाल में चाय बागानों में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद हावी है। उन्होंने कहा, “अब हर बागान में चर्चा होती है कि कौन-सा मंत्री या उसका परिवार कौन-सा बागान खरीद रहा है। सरकार जनता की नहीं, संपत्ति की बात करती है।”
जुबीन गर्ग की मौत पर सरकार पर सवाल
गोगोई ने असम के सांस्कृतिक आइकन जुबीन गर्ग की संदिग्ध मौत के मामले में भी सरकार की भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि एक महीना बीत जाने के बावजूद, अब तक मौत का कारण स्पष्ट नहीं हुआ है।
“सरकार ने हत्या की बात कही, लेकिन सच्चाई अभी तक सामने नहीं आई। मुख्यमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस सबूत नहीं है। जब तक जुबीन गर्ग के परिवार को न्याय नहीं मिलता, तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी,”
— गौरव गोगोई।
कांग्रेस ने इस मुद्दे पर #JusticeForZubeenGarg अभियान शुरू किया है और अपने सांसदों व विधायकों को इस आंदोलन से जोड़ा है।
राजनीतिक संदेश: जमीनी स्तर पर वापसी की कोशिश
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस अभियान के ज़रिए कांग्रेस, भाजपा के मजबूत जनाधार को चुनौती देने और 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले चाय जनजातीय समुदायों को फिर से जोड़ने की कोशिश कर रही है।
यह रणनीति न केवल संगठनात्मक पुनर्निर्माण की दिशा में एक कदम है, बल्कि असम की राजनीति में कांग्रेस की जमीनी वापसी का संकेत भी देती है।
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