प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाग न लेने की जताई स्पष्टि, संगठनात्मक काम जारी रखने का दिया आश्वासन

समग्र समाचार सेवा

पटना, 15 अक्टूबर: जन सुराज के संस्थापक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वह आगामी नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में खुद नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वे अपनी पार्टी के साथ काम जारी रखेंगे और संगठनात्मक जिम्मेदारियों में सक्रिय रहेंगे।

यह बयान उन अटकलों के बीच आया है कि किशोर राघोपुर सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, जहां पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रहे हैं। किशोर ने कहा, “मैं चुनाव नहीं लड़ूँगा। पार्टी ने यह निर्णय लिया है… मैं संगठनात्मक कार्य जारी रखूँगा।”

चुनावी अभियान की शुरुआत
प्रशांत किशोर ने 11 अक्टूबर को राजद नेता तेजस्वी यादव के गढ़ राघोपुर से अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य तेजस्वी यादव को हराना है, उसी तरह जैसे उन्होंने पहले राहुल गांधी को अमेठी में चुनौती दी थी। 47 वर्षीय किशोर का स्वागत वैशाली जिले में ढोल-नगाड़ों के साथ किया गया। यह इलाका पटना से लगभग 50 किलोमीटर दूर है।

ग्रामीणों की समस्याएँ
किशोर, जो पिछले कुछ वर्षों में बिहार के ग्रामीण इलाकों में पैदल यात्रा कर चुके हैं, ने स्थानीय निवासियों से बातचीत की। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना, जिनमें खराब बुनियादी ढांचा, स्कूलों की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं की अनियमितताएँ शामिल थीं। किशोर ने ग्रामीणों को चेतावनी दी कि जातिगत निष्ठा के कारण गलत व्यक्ति को वोट देने से बचें।

स्थानीय विधायक पर सवाल
प्रशांत किशोर ने ग्रामीणों से सवाल किया, “आपके स्थानीय विधायक इतने बड़े आदमी हैं, जो दो बार उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। क्या आप कभी अपनी समस्याएँ लेकर उनके पास गए हैं?” ग्रामीणों ने बताया कि अधिकांश लोग तेजस्वी यादव से कभी मिले ही नहीं। इससे पहले किशोर ने पत्रकारों से कहा कि तेजस्वी यादव इस बार किसी अन्य सीट से चुनाव लड़ने की अफवाहें भी हैं।

प्रशांत किशोर का यह स्पष्ट बयान और चुनावी सक्रियता बिहार की राजनीति में नए समीकरणों की ओर संकेत कर रही है। उनका फोकस अब सीधे चुनाव लड़ने के बजाय संगठनात्मक मजबूती और ग्रामीण विकास के मुद्दों पर केंद्रित रहेगा।

 

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