असम: तिनसुकिया आर्मी कैंप पर देर रात ग्रेनेड से हमला; तीन जवान घायल
काकोपाथर में 19 ग्रेनेडियर्स यूनिट के शिविर को बनाया निशाना; उल्फा (आई) की संलिप्तता का संदेह
- अज्ञात हमलावरों ने तिनसुकिया के काकोपाथर स्थित 19 ग्रेनेडियर्स यूनिट के शिविर पर हमला किया।
- हमले में तीन जवान घायल हुए हैं, जिन्हें तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
- सुरक्षा बलों ने इलाके की घेराबंदी कर दी है और उल्फा-आई के उग्रवादियों को पकड़ने के लिए सघन तलाशी अभियान जारी है।
समग्र समाचार सेवा
तिनसुकिया, असम, 17 अक्टूबर: असम के तिनसुकिया जिले के काकोपाथर इलाके में गुरुवार देर रात भारतीय सेना के एक शिविर पर भीषण हमला हुआ, जिसमें सेना के तीन जवान घायल हो गए। अज्ञात उग्रवादियों द्वारा किए गए इस हमले में ग्रेनेड दागने के साथ-साथ ताबड़तोड़ गोलीबारी भी की गई, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई। सुरक्षा एजेंसियां इस हमले के पीछे प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा (इंडिपेंडेंट) की संलिप्तता का संदेह जता रही हैं, जिसके बाद इलाके में बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है।
रात 12:30 बजे हुआ भीषण हमला
स्थानीय सूत्रों और सैन्य अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, हमला गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 12:30 बजे हुआ। हमलावरों ने काकोपाथर में स्थित सैन्य शिविर को निशाना बनाया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पहले अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (UBGL) से तीन ग्रेनेड दागे गए, जिसके तेज धमाकों से पूरा इलाका गूंज उठा। इसके तुरंत बाद स्वचालित हथियारों से लगभग आधे घंटे तक लगातार गोलीबारी की गई।
जवानों ने हमले का तुरंत जवाबी कार्रवाई की। सेना के जवानों ने आसपास के नागरिकों को नुकसान न हो, इसका ध्यान रखते हुए सावधानीपूर्वक मोर्चा संभाला। जवाबी फायरिंग से हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर घने जंगल की ओर फरार हो गए।
घायल जवानों की स्थिति
हमले में तीन जवान घायल हुए हैं। उन्हें तुरंत निकटतम सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहाँ उनका इलाज चल रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, तीनों जवानों को मामूली चोटें आई हैं और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है। इस हमले में शिविर के बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान का आधिकारिक आकलन अभी बाकी है।
उल्फा (आई) पर हमले का संदेह
हालांकि, अभी तक किसी भी संगठन ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन प्रारंभिक जांच और खुफिया इनपुट प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा (इंडिपेंडेंट) (ULFA-I) की संलिप्तता की ओर इशारा करते हैं। खुफिया एजेंसियों के अनुसार, यह हमला संभवतः नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड (NSCN-K-YA) के साथ मिलकर किया गया है।
हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग जिले में भी असम राइफल्स के एक शिविर पर हमला हुआ था, जिसके पीछे इन्हीं उग्रवादी संगठनों का हाथ माना गया था। ऊपरी असम में पिछले कुछ महीनों में यह सबसे बड़ा उग्रवादी हमला माना जा रहा है, जिसने क्षेत्र में उग्रवाद के संभावित पुनरुत्थान पर चिंता बढ़ा दी है।
तलाशी अभियान और सुरक्षा अलर्ट
हमले के तुरंत बाद, भारतीय सेना और असम पुलिस की संयुक्त टीमों ने काकोपाथर और उसके आसपास के इलाकों में एक विशाल तलाशी और घेराबंदी अभियान (Search and Combing Operation) शुरू कर दिया है। पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है और आम नागरिकों की आवाजाही को प्रतिबंधित कर दिया गया है।
सुरक्षा बलों को संदेह है कि हमलावर असम-अरुणाचल प्रदेश सीमा के पास म्यांमार सीमा से लगे घने जंगलों की ओर भाग गए हैं। तलाशी के दौरान अरुणाचल प्रदेश के टेंगापानी इलाके में एक ट्रक भी लावारिस हालत में पाया गया, जिसके बारे में माना जा रहा है कि इसका इस्तेमाल हमलावरों ने किया था। ड्रोन और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती कर उग्रवादियों की तलाश तेज कर दी गई है। राज्य के मुख्यमंत्री ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और दोषियों को जल्द पकड़ने का आश्वासन दिया है।
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