वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कर्नाटक ग्रामीण बैंक के व्यावसायिक प्रदर्शन की समीक्षा की

ग्रामीण ऋण वितरण और वित्तीय समावेशन बढ़ाने पर विशेष जोर, बैंकिंग आउटलेट्स और तकनीकी सुधार को दिया दिशा-निर्देश

  • केएजीबी और प्रायोजक बैंक को एमएसएमई और कृषि क्षेत्र में ऋण वितरण बढ़ाने की सलाह
  • किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लिए उत्पाद और सेवाओं में सुधार पर जोर
  • नई शाखाओं के उद्घाटन और परिचालन दक्षता बढ़ाने के लिए तकनीक अपनाने की दिशा
  • वित्तीय समावेशन योजनाओं जैसे पीएमजेजेबीवाई, पीएमएसबीवाई और पीएमजेडीवाई में प्रदर्शन सुधारने का निर्देश

समग्र समाचार सेवा

बल्लारी, 17 अक्टूबर: केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 16 अक्टूबर 2025 को कर्नाटक के बल्लारी में कर्नाटक ग्रामीण बैंक (केएजीबी) के व्यावसायिक प्रदर्शन की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में सचिव (डीएफएस) श्री एम. नागराजू, नाबार्ड के अध्यक्ष श्री शाजी केवी, केनरा बैंक के कार्यकारी निदेशक और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

वित्त मंत्री ने ऋण वितरण, एनपीए, वित्तीय समावेशन और सरकार की प्रायोजित योजनाओं के कार्यान्वयन जैसे प्रमुख संकेतकों का मूल्यांकन किया। उन्होंने ग्रामीण बैंकों को कृषि ऋण वितरण बढ़ाने और अर्थव्यवस्था के उभरते क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि जीएसटी दरों में युक्तिसंगतता से ग्रामीण क्षेत्रों में नए अवसर खुले हैं, जिन्हें बैंक सक्रिय रूप से भुना सकते हैं। उन्होंने किसानों के लिए एफपीओ की आवश्यकताओं को पूरा करने और उत्पाद और सेवाओं को उन्नत करने पर जोर दिया।

बैठक में केएजीबी और प्रायोजक बैंक को नई शाखाएं खोलने, तकनीकी सुधार करने और पंचायत/जिला स्तर की समितियों के साथ योजना जांच प्रक्रिया में सहयोग बढ़ाने की दिशा-निर्देश दिए गए। डीएफएस सचिव श्री एम. नागराजू ने बैंक की दीर्घकालिक स्थिरता और कर्मचारियों के कौशल उन्नयन पर भी बल दिया।

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