रक्षा मंत्री ने जारी की ‘रक्षा खरीद नियमावली 2025’, अब रक्षा क्षेत्र में पारदर्शी और सरल प्रक्रियाएँ लागू होंगी

नई नियमावली 1 नवंबर 2025 से प्रभावी, MSME और स्टार्टअप्स को मिलेगा नया अवसर

  • रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई ‘रक्षा खरीद नियमावली (डीपीएम) 2025’ का किया विमोचन।
  • नियमावली के तहत लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की वार्षिक राजस्व खरीद प्रक्रिया होगी सरल।
  • MSME और स्टार्टअप्स को मिलेंगे अधिक अवसर, पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर।
  • तीन नए अध्याय जोड़े गए,स्वावलंबन, ICT खरीद, परामर्श सेवाएँ।

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में आयोजित समारोह में ‘रक्षा खरीद नियमावली (Defence Procurement Manual) 2025’ का विमोचन किया। यह नई नियमावली 1 नवंबर 2025 से प्रभावी होगी और रक्षा मंत्रालय के अधीन तीनों सेनाओं और अन्य प्रतिष्ठानों द्वारा लगभग 1 लाख करोड़ रुपये की राजस्व खरीद को अधिक सरल, पारदर्शी और दक्ष बनाएगी।

 

उन्होंने कहा कि यह संशोधित नियमावली प्रक्रियाओं को सरल बनाएगी, कार्यप्रणाली में एकरूपता लाएगी और सशस्त्र बलों को परिचालन तैयारी हेतु आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति में सहायता करेगी। साथ ही, यह MSME और स्टार्टअप उद्यमों के लिए रक्षा निर्माण और तकनीक के क्षेत्र में नई संभावनाएँ सृजित करेगी।

 

इस अवसर पर वित्तीय सलाहकार (रक्षा सेवाएँ) डॉ. मयंक शर्मा ने नियमावली की मुख्य बातें प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसे सेनाओं तथा अन्य हितधारकों के सुझावों को शामिल करके तैयार किया गया है । समारोह में मुख्य रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख, रक्षा सचिव और डीआरडीओ अध्यक्ष उपस्थित थे।

 

नियमावली की प्रमुख विशेषताएँ
सरल और पारदर्शी प्रक्रियाएँ: निर्णय प्रक्रिया को तेज करके ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस को बढ़ावा।

लिक्विडेटेड डैमेज (LD) में छूट: अब विलंब की स्थिति में अधिकतम जुर्माना 10% तक सीमित, स्वदेशीकरण मामलों में 0.1% प्रति सप्ताह।

दीर्घकालिक आदेश प्रावधान: स्वदेशी विकसित वस्तुओं के लिए 5 वर्ष तक के ऑर्डर आश्वासन की व्यवस्थ।

एनओसी प्रक्रिया समाप्त: ऑर्डनेंस फ़ैक्ट्री बोर्ड से ‘नो ऑब्जेक्शन’ प्रमाणपत्र की अनिवार्यता हटाई गई।

नए अध्याय: स्वावलंबन के लिए नवाचार और स्वदेशीकरण पर अध्याय, आईसीटी खरीद और परामर्श सेवाओं पर विशेष अध्याय।

उद्देश्य और प्रभाव
रक्षा खरीद नियमावली 2025 का उद्देश्य रक्षा सेवाओं की आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं की समय पर तथा कम लागत में खरीद सुनिश्चित करना है।
यह तीनों सेनाओं में संयुक्तता और सरकारी प्रक्रियाओं में एकरूपता लाने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी ।

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