अमित शाह करेंगे मुंबई में डीप-सी फिशिंग वेसल्स का उद्घाटन, सहकारिता के ज़रिए समुद्री मत्स्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की नई लहर

सहकारी मॉडल के तहत मछुआरों को अत्याधुनिक मछली पकड़ने वाली नौकाएं, मोदी सरकार का ब्लू इकोनॉमी को मज़बूत करने की दिशा में बड़ा कदम

  • केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह कल मुंबई के मझगांव डॉक में डीप-सी फिशिंग वेसल्स का करेंगे उद्घाटन।
  • महाराष्ट्र सरकार, एनसीडीसी और मत्स्य विभाग के सहयोग से 1.2 करोड़ रुपये लागत की नावें दी जाएंगी।
  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के तहत ब्लू इकोनॉमी को प्रोत्साहन और सहकारी संस्थाओं को सशक्त करने का प्रयास।
  • नई तकनीक से लैस नौकाएं समुद्री मत्स्य संसाधनों के सतत दोहन और निर्यात बढ़ाने में मददगार होंगी।

समग्र समाचार सेवा
मुंबई, 26 अक्टूबर: केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह कल मुंबई के मझगांव डॉक में अत्याधुनिक डीप-सी फिशिंग वेसल्स (Deep-Sea Fishing Vessels) का उद्घाटन करेंगे। इस अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे और श्री अजित पवार, तथा केंद्रीय राज्य मंत्री (सहकारिता) श्री मुरलीधर मोहोळ भी उपस्थित रहेंगे।

यह आयोजन देश में सहकारी नेतृत्व वाले गहरे समुद्र में मछली पकड़ने की दिशा में ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस पहल के तहत मछुआरों और मत्स्य सहकारी समितियों को 1.2 करोड़ रुपये प्रति यूनिट लागत वाली नौकाएं प्रदान की जा रही हैं, जिसमें महाराष्ट्र सरकार, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) और भारत सरकार के मत्स्य विभाग का वित्तीय सहयोग शामिल है।

यह पहल प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) और फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (FIDF) के तहत चल रही है, जो मत्स्य क्षेत्र में कोल्ड-चेन, वैल्यू-चेन और निर्यात क्षमता को सुदृढ़ बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

भारत की समुद्री मत्स्य उद्योग अब तक सीमित दूरी (40–60 नॉटिकल माइल) तक ही संचालित होती रही है, जिससे उत्पादन और आमदनी दोनों सीमित रहे हैं। नई डीप-सी वेसल्स के जरिए अब भारत के विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) और हाई सीज़ में मछली संसाधनों का सतत और जिम्मेदार दोहन संभव होगा। विशेष रूप से लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह जैसे क्षेत्रों में उच्च मूल्य वाली मछलियों जैसे टूना के उत्पादन और निर्यात में वृद्धि होगी।

केंद्र सरकार ने मत्स्य विभाग और सहकारिता मंत्रालय के बीच एक संयुक्त कार्यदल (Joint Working Group) का गठन भी किया है, जो सहकारी समितियों और Fish Farmer Producer Organizations (FFPOs) के माध्यम से गहरे समुद्र में मत्स्य पालन की पहलों को तेज करेगा।

नई नौकाओं में उन्नत डिजिटल सिस्टम्स, ट्रैसेबिलिटी, और सुरक्षा तकनीकें शामिल हैं जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हैं। इसके साथ ही महिलाओं द्वारा संचालित सहकारी समितियों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा ताकि समान भागीदारी और समुद्री समुदायों में आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिल सके।

यह कदम न केवल भारत की ब्लू इकोनॉमी को नई ऊँचाई देगा, बल्कि रोज़गार सृजन, समुद्री संसाधनों के संरक्षण, और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में भी एक मजबूत कदम है।

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