प्रधानमंत्री मोदी ने वर्चुअली भाग लिया 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में, क्षेत्रीय सहयोग और समुद्री साझेदारी पर दिया जोर
प्रधानमंत्री ने टिमोर लेस्ते को आसियान का नया सदस्य बनने पर दी बधाई, 2026 को “आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष” घोषित किया
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प्रधानमंत्री ने कहा, आसियान-भारत FTA की शीघ्र समीक्षा से दोनों क्षेत्रों की आर्थिक क्षमता खुलेगी
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2026 को “आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष” और 2025 को “आसियान-भारत पर्यटन वर्ष” के रूप में मनाने की घोषणा
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नालंदा विश्वविद्यालय में “दक्षिण-पूर्व एशियाई अध्ययन केंद्र” की स्थापना का प्रस्ताव
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आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकजुटता और समावेशी विकास के संदेश पर बल
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर: प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कुआलालंपुर में आयोजित 22वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में वर्चुअल माध्यम से भाग लिया। इस बैठक में भारत और आसियान देशों के नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की। यह प्रधानमंत्री मोदी की 12वीं आसियान-भारत शिखर बैठक में भागीदारी थी।
प्रधानमंत्री ने टिमोर लेस्ते को आसियान का 11वां सदस्य बनने पर बधाई दी और इसके मानव विकास में भारत के निरंतर सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने आसियान की एकता, केंद्रिता और हिन्द-प्रशांत पर आसियान दृष्टिकोण के प्रति भारत के समर्थन को दोहराया तथा आसियान समुदाय दृष्टि 2045 को अपनाने की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते की शीघ्र समीक्षा से दोनों क्षेत्रों की आर्थिक क्षमता का पूरा लाभ आम नागरिकों तक पहुँचेगा। उन्होंने आतंकवाद को वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए इसके खिलाफ एकजुट होकर लड़ने की आवश्यकता बताई।
मलेशिया की अध्यक्षता के विषय “समावेशन और स्थिरता” का समर्थन करते हुए प्रधानमंत्री ने कई घोषणाएँ कीं —
- आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी (2026–2030) की कार्ययोजना में सहयोग।
- सतत पर्यटन पर संयुक्त वक्तव्य अपनाने और 2025 को आसियान-भारत पर्यटन वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा।
- वर्ष 2026 को “आसियान-भारत समुद्री सहयोग वर्ष” के रूप में घोषित किया।
- दूसरी आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की बैठक और दूसरा आसियान-भारत समुद्री अभ्यास आयोजित करने का प्रस्ताव।
- संकट के समय भारत की “पहला उत्तरदाता” भूमिका को जारी रखते हुए आपदा प्रबंधन और मानवीय सहायता में सहयोग को और मज़बूत करने का संकल्प।
- नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में 400 पेशेवरों के प्रशिक्षण की घोषणा, ताकि आसियान विद्युत ग्रिड पहल को समर्थन मिल सके।
- टिमोर लेस्ते में त्वरित प्रभाव परियोजनाओं (क्विक इम्पैक्ट प्रोजेक्ट्स) का विस्तार।
- नालंदा विश्वविद्यालय में दक्षिण-पूर्व एशियाई अध्ययन केंद्र की स्थापना का प्रस्ताव।
- शिक्षा, ऊर्जा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वित्तीय प्रौद्योगिकी, संस्कृति, अर्धचालक, दुर्लभ खनिज और आवश्यक खनिज जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर।
- लोथल (गुजरात) में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन समुद्री विरासत उत्सव और समुद्री सुरक्षा सम्मेलन आयोजित करने की घोषणा।
प्रधानमंत्री मोदी ने मलेशिया के प्रधानमंत्री दातो’ सेरी अनवर इब्राहिम को वर्चुअल बैठक की उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए धन्यवाद दिया और फिलीपींस के राष्ट्रपति मार्कोस जूनियर की प्रभावी समन्वय भूमिका की सराहना की।
आसियान नेताओं ने भारत की पूर्व की ओर कार्य नीति (एक्ट ईस्ट पॉलिसी) के तहत क्षेत्रीय जुड़ाव को गहराई देने की भारत की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की।
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