सहकारिता से आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत: अमित शाह ने NCDC की 92वीं महापरिषद में किए बड़े ऐलान
वित्तीय सहायता 4 गुना बढ़कर ₹95,200 करोड़; डेयरी–मत्स्य–महिला सहकारिता के लिए ₹20,000 करोड़ का आवंटन
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NCDC ने चार वर्षों में वित्तीय सहायता 24,700 करोड़ से बढ़ाकर 95,200 करोड़ रुपये की।
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चीनी व डेयरी सेक्टर में सर्कुलर इकॉनमी मॉडल से किसानों को मिलने वाला लाभ बढ़ेगा।
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पहली सहकारी “भारत टैक्सी” सेवा के क्रियान्वयन में NCDC की केंद्रीय भूमिका।
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डेयरी, पशुधन, मत्स्य और महिला सहकारी समितियों के लिए 20,000 करोड़ रुपये की विशेष सुविधा।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 20 नवंबर: नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) की 92वीं महापरिषद की बैठक को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद देश के सहकारी क्षेत्र में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि एनसीडीसी सहकारी संस्थाओं को सशक्त बनाने और उन्हें वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने का एक मजबूत माध्यम बनकर उभरा है।
श्री शाह ने जानकारी दी कि वित्त वर्ष 2020-21 के 24,700 करोड़ रुपये की तुलना में 2024-25 में NCDC का कुल संवितरण 95,200 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। पिछले चार वर्षों में 40% से अधिक वार्षिक वृद्धि दर, शून्य एनपीए और 807 करोड़ रुपये का उच्चतम लाभ दर्ज करते हुए संस्था ने विश्वसनीयता का नया स्तर हासिल किया है।
उन्होंने कहा कि डेयरी और चीनी मिलों में सर्कुलर इकॉनमी लागू करने से किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। सहकारी चीनी मिलों के आधुनिकीकरण के लिए 10,005 करोड़ रुपये का संवितरण किया गया है, जिससे इथेनॉल संयंत्र और नए आय स्रोत विकसित हुए हैं।
मत्स्य क्षेत्र में NCDC ने 1,070 FFPOs का सुदृढ़ीकरण पूरा किया है, जबकि 2,348 FFPOs पर कार्य जारी है। महाराष्ट्र और गुजरात में गहरे समुद्र में मछली पकड़ने हेतु ट्रॉलर उपलब्ध कराए जाने से विशेषकर महिला सदस्यों को आर्थिक मजबूती मिली है।
उन्होंने बताया कि देश की पहली सहकारी “भारत टैक्सी” सेवा के गठन में NCDC की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिसमें ड्राइवर सदस्यों के लिए नई आय के अवसर खुलेंगे।
NCDC ने जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और पूर्वोत्तर राज्यों में नए कार्यालय खोलते हुए अपने नेटवर्क को बड़े भूभाग तक विस्तारित किया है। साथ ही 31 जुलाई 2025 को स्वीकृत 2,000 करोड़ रुपये के अनुदान के आधार पर NCDC द्वारा 20,000 करोड़ रुपये डेयरी, पशुधन, मत्स्य, कृषि और महिला सहकारिता समितियों के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
अमित शाह ने कहा कि “भारत को विकसित अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सहकारिता एक श्रेष्ठ मॉडल है, क्योंकि यह ग्रामीण भागीदारी और आजीविका सुनिश्चित करता है।”
बैठक में 51 सदस्य शामिल हुए, जिनमें विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों, शीर्ष सहकारी समितियों और नीति आयोग के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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