उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन ने ओम शांति रिट्रीट सेंटर के रजत जयंती वर्ष का शुभारंभ किया

भारत की अध्यात्मिक परंपरा राष्ट्र की शाश्वत रीढ़—उपराष्ट्रपति

  • गुरुग्राम के ओम शांति रिट्रीट सेंटर के रजत जयंती वर्ष कार्यक्रम का उपराष्ट्रपति ने उद्घाटन किया।
  • भारत की आध्यात्मिक विरासत—ऋषियों और तपस्वियों की साधना—को राष्ट्र की आंतरिक शक्ति बताया।
  • ब्रह्मकुमारी फ़ाउंडेशन की नारी-शक्ति आधारित नेतृत्व प्रणाली और वैश्विक सेवा कार्यों की प्रशंसा।
  • पर्यावरणीय पहल, नशा-मुक्त भारत अभियान और राजयोग ध्यान के सामाजिक प्रभाव पर बल।

समग्र समाचार सेवा
गुरुग्राम, 08 दिसंबर:भारत के माननीय उपराष्ट्रपति, श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने आज गुरुग्राम में ब्रह्मकुमारी के ओम शांति रिट्रीट सेंटर (ओएसआरसी) के रजत जयंती वर्ष समारोह का उद्घाटन किया।

सभा को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति ने केंद्र के समारोहों में शामिल होने पर खुशी जताई। इस केंद्र की स्थापना 24 वर्ष पहले ब्रह्म कुमारी की आध्यात्मिक दृष्टि से की गई थी और अब यह अपनी सेवा के 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। उन्होंने उन विविध पेशेवरों—जैसे वैज्ञानिकों, डॉक्टरों, प्रशासकों और राजनीतिज्ञों—की सराहना की, जो केंद्र के शांति और ध्यान के संदेश से प्रेरित होकर यहाँ आते हैं। उन्होंने यह भी सराहा कि अपनी स्थापना के 89 वर्षों के भीतर ब्रह्म कुमारी दुनिया का सबसे बड़ा महिला-संचालित आध्यात्मिक संगठन बन गया है।

उपराष्ट्रपति ने अध्यात्म, ध्यान और आंतरिक जागृति में निहित भारत की समृद्ध सभ्यतागत विरासत पर बल दिया। उन्होंने ऋषियों, मुनियों और तपस्वियों के उस गहन योगदान को रेखांकित किया, जिसकी तपस्या और ध्यान परंपराओं ने भारत के कालातीत ज्ञान को आकार दिया है। उन्होंने कहा कि राजयोग और विपश्यना जैसी परंपराएँ दर्शाती हैं कि सच्ची शक्ति और स्पष्टता भीतर से उत्पन्न होती हैं।


श्री राधाकृष्णन ने ब्रह्मकुमारी की इस आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाने और भारत सहित विदेशों में लाखों लोगों को मन की शांति और पवित्रता की ओर मार्गदर्शन करने के लिए सराहना की। उन्होंने कहा कि अमृत काल में माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने विकसित भारत@2047 की परिकल्पना की है, जहाँ आर्थिक विकास के साथ-साथ आंतरिक स्थिरता, सुख और शांति भी सुनिश्चित होंगे। उन्होंने कहा कि आज की तेज़-रफ्तार दुनिया में ध्यान को एक आवश्यक जीवन-कौशल के रूप में अपनाया जाना चाहिए।


उपराष्ट्रपति ने पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति केंद्र की मजबूत प्रतिबद्धता और मिशन लाइफ़ के साथ इसके तालमेल की भी सराहना की। मिशन लाइफ़ माननीय प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ की गई एक पहल है, जो लोगों को पर्यावरण-हितैषी जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने केंद्र की हरित पहलों—जैसे एक मेगावाट क्षमता वाला हाइब्रिड सौर ऊर्जा संयंत्र, वर्षा जल संचयन प्रणाली, बायोगैस संयंत्र, मलजल शोधन संयंत्र, सौर-आधारित हरित रसोई, निःशुल्क पौधशाला तथा कल्पतरु परियोजना के अंतर्गत बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण—की सराहना की।


उपराष्ट्रपति ने ब्रह्मकुमारी द्वारा ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ में योगदान तथा वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान को बढ़ावा देने और सभी क्षेत्रों में कर्मयोग के अभ्यास जैसी सामाजिक पहलों की भी प्रशंसा की।

हाल ही में लखनऊ में माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा वार्षिक अभियान “विश्व एकता और विश्वास के लिए राजयोग ध्यान” का उद्घाटन किए जाने का उल्लेख करते हुए, श्री राधाकृष्णन ने विश्वास व्यक्त किया कि रजत जयंती वर्ष सेवा के नए मार्ग प्रशस्त करेगा, समाज के साथ गहरे सहयोग को बढ़ाएगा तथा आध्यात्मिक पहुँच का विस्तार करेगा।


इस अवसर पर हरियाणा सरकार के पर्यावरण एवं वन मंत्री तथा उद्योग अध्यक्ष श्री राव नरबीर सिंह सहित ब्रह्म कुमारी के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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