पीएम मोदी ने एलवीएम3-एम6 के सफल प्रक्षेपण को बताया गौरव का क्षण
इतिहास का सबसे भारी 6,100 किलोग्राम पेलोड लेकर एलवीएम3-एम6 की ऐतिहासिक उड़ान, भारत की हेवी-लिफ्ट क्षमता को मिली नई मजबूती
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एलवीएम3-एम6 ने 6,100 किलोग्राम का अब तक का सबसे भारी पेलोड सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया
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प्रधानमंत्री मोदी ने इसे भारत की अंतरिक्ष यात्रा का गौरवपूर्ण मील का पत्थर बताया
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मिशन से भारत की हेवी-लिफ्ट क्षमता और वैश्विक भूमिका मजबूत
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आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मिली नई ऊर्जा
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली |24 दिसंबर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने बुधवार को देश की अंतरिक्ष यात्रा में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ते हुए एलवीएम3-एम6 रॉकेट का सफल प्रक्षेपण किया। इस मिशन के तहत अब तक का सबसे भारी 6,100 किलोग्राम वज़नी उपग्रह ब्लू बर्ड ब्लॉक-2 को निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे भारत के लिए गौरव का क्षण बताया और इसरो की पूरी टीम को बधाई दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सामाजिक माध्यम ‘एक्स’ पर संदेश साझा करते हुए कहा कि एलवीएम3-एम6 का सफल प्रक्षेपण भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उन्होंने कहा कि यह मिशन न केवल भारत की भारी प्रक्षेपण क्षमता को सशक्त करता है, बल्कि वैश्विक वाणिज्यिक प्रक्षेपण बाज़ार में देश की बढ़ती भूमिका को भी रेखांकित करता है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को मजबूती देती है। उन्होंने वैज्ञानिकों और अभियंताओं के परिश्रम की सराहना करते हुए कहा कि भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में निरंतर नई ऊंचाइयों को छू रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने भी सराहा प्रयास
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी एलवीएम3-एम6 की सफलता पर इसरो की टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में इसरो लगातार नई सफलताएं हासिल कर रहा है, जो अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती शक्ति का प्रमाण है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि भारत ने अपनी अंतरिक्ष क्षमता में एक नई ऊंचाई प्राप्त की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में जो लक्ष्य कभी केवल सपना थे, वे आज निरंतर सफलता की कहानियों में बदल चुके हैं।
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