उसका घर उन्नाव में है न, फिर ठहाका, ओपी राजभर की टिप्पणी से बवाल

सेंगर को मिली सशर्त जमानत पर सवाल पूछने पर मंत्री का ठहाका, बयान को बताया गया पीड़िता की पीड़ा का मज़ाक

  • उन्नाव रेप मामले में दोषी कुलदीप सिंह सेंगर को सशर्त जमानत
  • फैसले के विरोध में पीड़िता और उसकी माँ का इंडिया गेट पर प्रदर्शन
  • मंत्री ओपी राजभर की हँसी और जवाब पर नाराज़गी
  • पिता की हत्या केस में सजा के कारण सेंगर जेल में ही रहेगा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली | 24 दिसंबर: दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा उन्नाव रेप केस में दोषी ठहराए गए कुलदीप सिंह सेंगर को सशर्त जमानत दिए जाने के बाद पीड़िता और उसकी माँ ने राजधानी में विरोध दर्ज कराया। दोनों ने इंडिया गेट पर पहुँच कर न्याय की माँग को लेकर धरना दिया।

इसी मुद्दे पर जब उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओपी राजभर से सवाल पूछा गया, तो उन्होंने अदालत की शर्तों का हवाला देते हुए कहा कि सेंगर को पीड़िता के घर के पाँच किलोमीटर के दायरे में जाने से रोका गया है, इसलिए असुरक्षा का सवाल नहीं उठता।

‘दिल्ली में क्यों बैठे हैं?’

मंत्री ने आगे कहा कि पीड़ित पक्ष दिल्ली में क्यों प्रदर्शन कर रहा है और यहाँ धरना देने की ज़रूरत क्या है। उनके इस बयान को पीड़िता की परिस्थितियों को नज़रअंदाज़ करने वाला बताया जा रहा है।

हँसी ने बढ़ाया विवाद

जब एक पत्रकार ने पूछा कि पुलिस ने पीड़िता और उसकी माँ को इंडिया गेट से हटा दिया है, तो मंत्री ने कहा— “लेकिन उसका घर तो उन्नाव में है।”
यह कहते ही वह हँसने लगे। उनकी इस प्रतिक्रिया ने माहौल को और गरमा दिया। महिला संगठनों और विपक्षी दलों ने इसे महिलाओं की पीड़ा पर तंज करार दिया है।

अदालत की शर्तें क्या हैं

दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंगर को 15 लाख रुपये के निजी मुचलके और समान राशि की जमानत पर राहत दी है। अदालत ने स्पष्ट किया है कि वह—

  • जमानत अवधि में दिल्ली में ही रहेगा
  • पीड़िता और उसके परिवार से किसी भी प्रकार का संपर्क नहीं करेगा
  • हर सप्ताह पुलिस के सामने उपस्थित होगा
  • पासपोर्ट निचली अदालत में जमा करेगा
हत्या मामले में सजा बनी बाधा

हालाँकि, इस आदेश के बावजूद सेंगर की रिहाई फिलहाल संभव नहीं है। पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में उसे दस वर्ष की सजा मिल चुकी है, जिसे वह अभी काट रहा है।

उन्नाव केस की पृष्ठभूमि

जाँच में सामने आया कि वर्ष 2017 में नाबालिग पीड़िता का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। बाद में उसे बरामद किया गया। आरोप यह भी रहे कि पीड़िता पर दबाव बनाया गया और धमकियाँ दी गईं। न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद मामला आगे बढ़ सका।

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