केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने सुशासन दिवस पर पाँच बड़े डिजिटल सुधारों का किया शुभारंभ

पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक-केंद्रित प्रशासन को नई गति

  • पूर्व सैनिकों के आरक्षण दिशा-निर्देशों का एकीकृत व अद्यतन संकलन जारी
  • एआई-आधारित भर्ती साधन और ई-एचआरएमएस 2.0 मोबाइल ऐप की शुरुआत
  • आईजीओटी कर्मयोगी मंच पर एआई सुविधाएं और डिजिटल लर्निंग लैब 2.0 लॉन्च
  • “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” की परिकल्पना को तकनीक से मजबूती

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 25 दिसंबर: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और कार्मिक, लोक शिकायत व पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने नई दिल्ली में “सुशासन प्रथाएं 2025” विषयक राष्ट्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि सुशासन कोई अमूर्त विचार नहीं, बल्कि पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिक-केंद्रित सेवा वितरण पर आधारित दैनिक प्रशासनिक दायित्व है।

अटल जी की परिकल्पना और मोदी सरकार का दृष्टिकोण

डॉ. सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सुशासन की सोच को नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के बाद ठोस रूप में लागू किया गया। “न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन” के मंत्र ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और प्रभावी बनाया है।

पहला सुधार: पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण संकलन

पहली पहल के तहत केंद्र सरकार में पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण से जुड़े सभी निर्देशों को एक ही, अद्यतन और उपयोगकर्ता-अनुकूल संकलन में समाहित किया गया। इससे लाभों की स्पष्टता, एकरूपता और समयबद्धता सुनिश्चित होगी तथा विभागीय अस्पष्टताएं घटेंगी।

दूसरा सुधार: एआई-संचालित भर्ती साधन

भर्ती नियम निर्माण, संशोधन एवं निगरानी प्रणाली से जुड़ा एआई-आधारित साधन विभागों को सरल प्रश्नों के माध्यम से मार्गदर्शन देगा। यह उपयुक्त भर्ती विधियों का सुझाव देगा और निर्धारित प्रारूप में मसौदा नियम स्वतः तैयार करेगा, जिससे देरी और विसंगतियां कम होंगी

तीसरा सुधार: ई-एचआरएमएस 2.0 मोबाइल ऐप

ई-एचआरएमएस 2.0 एंड्रॉइड और आईओएस पर उपलब्ध है। यह सेवा रिकॉर्ड, पदोन्नति, तबादला, प्रतिनियुक्ति, प्रशिक्षण और सेवानिवृत्ति जैसी प्रक्रियाओं को एकीकृत करता है। ऐप से कागजी कार्य घटेगा, अनुमोदन तेज होंगे और पारदर्शिता बढ़ेगी।
चौथा सुधार: आईजीओटी कर्मयोगी पर एआई सुविधाएं
आईजीओटी कर्मयोगी मंच पर एआई सारथी, एआई ट्यूटर, विशेषज्ञता कार्यक्रम और क्षमता निर्माण योजना उपकरण जोड़े गए हैं। इससे भूमिकाओं, दक्षताओं और प्रशिक्षण आवश्यकताओं का वैज्ञानिक आकलन संभव होगा।

पाँचवा सुधार: कर्मयोगी डिजिटल लर्निंग लैब 2.0

एआर, वीआर, गेमिफिकेशन और इंटरैक्टिव सिमुलेशन आधारित डिजिटल लर्निंग लैब 2.0 उच्च गुणवत्ता की प्रशिक्षण सामग्री तैयार करेगी। इससे सर्वोत्तम विधियों और कौशल का व्यापक प्रसार होगा।

‘प्रशासन गांव की ओर’ अभियान

कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग की सचिव रचना शाह ने बताया कि सुशासन सप्ताह के दौरान देशभर के 700 से अधिक जिलों में शिविर लगाकर शिकायत निवारण, सेवा वितरण और सर्वोत्तम प्रथाओं का दस्तावेजीकरण किया गया। विशेष अभियानों से प्रशासन परिणाम-उन्मुख बना है।

भविष्योन्मुखी शासन की ओर कदम

डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि ये पहल नागरिकों और लोक सेवकों को परिवर्तन के केंद्र में रखती हैं और तकनीक के माध्यम से संस्थानों को सशक्त बनाती हैं। यह अटल बिहारी वाजपेयी की विरासत के अनुरूप, उत्तरदायी और भविष्य-तैयार शासन की दिशा में निर्णायक कदम है।

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