पुणे में 29 दिसंबर को 58वीं सेवानिवृत्ति-पूर्व परामर्श कार्यशाला का उद्घाटन करेंगे डॉ. जितेंद्र सिंह

पेंशनभोगियों के ‘जीवन को सुगम’ बनाने की दिशा में डिजिटल पेंशन सेवाओं पर होगा विशेष फोकस, बैंकों की प्रदर्शनी भी आयोजित

  • पुणे में आयोजित होगी 58वीं प्री-रिटायरमेंट काउंसलिंग (PRC) वर्कशॉप
  • अगले 12 महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले 350 कर्मचारियों को मिलेगा लाभ
  • पेंशन, CGHS, निवेश, डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जैसे विषयों पर सत्र
  • पेंशन वितरण बैंकों की प्रदर्शनी और 11वां बैंकर जागरूकता कार्यक्रम भी शामिल

समग्र समाचार सेवा
पुणे | 27  दिसंबर: केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए पेंशन व्यवस्था को सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया जा रहा है। केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह 29 दिसंबर 2025 को पुणे, महाराष्ट्र में 58वीं सेवानिवृत्ति-पूर्व परामर्श कार्यशाला (PRC) का उद्घाटन करेंगे।

यह कार्यशाला पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग द्वारा आयोजित की जा रही है, जिसका उद्देश्य सेवानिवृत्त होने वाले केंद्रीय कर्मचारियों को पेंशन से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं की स्पष्ट जानकारी देना और उनके जीवन में सुगम परिवर्तन सुनिश्चित करना है।

डिजिटल पेंशन सेवाओं पर जोर

कार्यशाला में सेवानिवृत्ति लाभ, CGHS सुविधाएं, पेंशन निवेश विकल्प, भविष्य पोर्टल, एकीकृत पेंशनभोगी पोर्टल, पारिवारिक पेंशन, CPENGRAMS, ‘अनुभव’ प्लेटफॉर्म और डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र जैसे अहम विषयों पर विस्तृत सत्र आयोजित किए जाएंगे।

350 कर्मचारियों को सीधा लाभ

महाराष्ट्र में वर्तमान में तैनात और आगामी 12 महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले लगभग 350 केंद्रीय कर्मचारियों के इस कार्यशाला से लाभान्वित होने की उम्मीद है। इसके साथ-साथ पेंशनभोगियों के लिए अलग से जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

बैंकों की प्रदर्शनी और बैंकर जागरूकता कार्यक्रम

कार्यक्रम के दौरान पेंशन वितरण करने वाले बैंकों की एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें कई बैंक सक्रिय रूप से भाग लेंगे। यहां पेंशन खाता खोलने, बैंकिंग सेवाओं और पेंशन निधि के सुरक्षित निवेश से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। साथ ही, 11वां बैंकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर बैंकों को नियमों और प्रक्रियाओं के प्रति संवेदनशील बनाया जाएगा।

सरकार का यह प्रयास माननीय प्रधानमंत्री के उस विज़न के अनुरूप है, जिसके तहत पेंशनभोगियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों के जीवन को आसान, सम्मानजनक और तकनीक-आधारित बनाया जा रहा है।

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