:ग्लोबल गवर्नेंस न्यूज़ के लिए विशेष :-

*अनिता चौधरी
2021 विधानसभा चुनाव में असम में कांग्रेस का काफी कुछ दांव पर लगा हुआ है। एक तो असम में काँग्रेस के कैडर को हेमन्त विस्व सरमा के पिछले विधानसभा चुनाव 2016 के दौरान बीजेपी में शामिल होने के बाद ही बहुत धक्का पहुँचा चुका था उसके बाद साल 2020 में असम के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता तरुण गोगोई की मौत की वजह से कांग्रेस पार्टी राज्य में लीडरशीप की कमी से जूझ रही है और अब 2021 में जिन जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं उस राज्य की कोई भी प्रमुख पार्टी कांग्रेस से हाथ मिलाने को राजी नहीं है | नतीजा ये है कि कांग्रेस को मज़बूरन बेमेल वाले गठबंधन का साथ निभाना पड़ रहा है | जिसका दूरगामी परिणाम कांग्रेस को ही भुगतना पद रहा है | कांग्रेस पर वैसे ही मुस्लिमपरस्त और तुष्टिकरण वाली राजनीति को लेकर उंगलियां उठती रही है । अब इस आरोप पर पुख्ता मोहर लगा रही है बंगाल और असम में कांग्रेस का असम में अज़मल बदरुद्दीन और बंगाल में पीरज़ादा अब्बास सिद्दीक़ी के साथ गठबंधन जिसको लेकर पार्टी के सीनियर लीडर भी काफी नाराज़ नज़र आ रहे हैं |
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