समग्र समाचार सेवा
वॉशिंगटन, 24अप्रैल। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग रिपोर्ट में आयोग ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता में कथित गिरावट के लिए देश को विशेष चिंता वाला देश के रूप में लिस्टेड करने का सुझाव दिया है। भारतीय-अमेरिकी मुस्लिम परिषद के कार्यकारी निदेशक रशीद अहमद ने कहा कि भारत को धार्मिक स्वतंत्रताओं के विश्व के सबसे बुरे उल्लंघनकर्ताओं के रूप में नामित करना भले ही दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन अपेक्षित एवं उचित है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय आयोग की अनुशंसाओं को स्वीकार करेगा और इस साल भारत को सीपीसी के रूप में नामित करेगा।
रिपोर्ट में कहा है कि भारत को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता कानून द्वारा परिभाषित धार्मिक स्वतंत्रता का सुनियोजित, निरंतर एवं घोर उल्लंघन करने और सहने के लिए विशेष चिंता वाला देश के तौर पर निर्दिष्ट करें। भारतीय-अमेरिकी ईसाई संगठनों के महासंघ ने आयोग द्वारा भारत को चिंता वाला देश निर्दिष्ट करने की प्रशंसा की है।
भारत ने अपनी सफाई में पूर्व में कहा था कि अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी निकाय उन मामलों में केवल पूर्वाग्रह के आधार पर अपनी बात कहता है जिनपर उसका कोई अधिकार नहीं होता है। अमेरिका के सिख संगठनों ने एक संयुक्त बयान में भारत में धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति के आकलन के लिए आयोग का धन्यवाद किया है।
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