देहरादून, उत्तराखण्ड: उत्तराखंड में लंबे समय से सूचना आयुक्तों की नियुक्ति पर तरह-तरह की कयास बाजी को आज आखिरकार विराम लग ही गया है। त्रिवेन्द्र सरकार ने दो ऐसे लोगों के नामों का चयन इस बेहद खास पद पर किया है। जिसने सबकी कयास बाजी को विराम लगा दिया है। इतना ही नहीं इन नामों के चयन को लोग उत्तराखंड के स्वाभिमान से भी जोड़कर देख रहे हैं। इसमें पहला नाम आता है आई.आर.एस. जे0 पी0 ममगाईं का। उच्च शिक्षा प्राप्त ममगाईं भारतीय राजस्व सेवा के अधिकारी रहे हैं। ममगाईं हमेशा से अपनी माटी से जुड़े हुए व्यक्ति रहे हैं। उनके रहन सहन व बोली भाषा में आज भी पहाड़ के दर्शन मिलते हैं। अगर उन्हें ठेठ पहाड़ी भी कहा जाय तो अतिशयोक्ति नही होगी। और ऐसे में पहाड़ मूल के व्यक्ति को त्रिवेन्द्र सरकार ने सूचना आयुक्त जैसे खास पद पर चयन कर आम पहाड़ी जन-मानस की भावनाओं की कद्र की है, जिसको लेकर खासकर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत की जोरदार प्रशंसा आम जनमानस द्वारा की जा रही है। निःसंदेह भारतीय राजस्व सेवा के वरिष्ठ अधिकारी रहे जे0 पी0 ममगाईं की योग्यता का लाभ प्रदेश की जनता को भी मिलेगा।
इसी क्रम में एक और नए सूचना आयुक्त पद पर पूर्व आइएएस चंद्र सिंह नपलच्याल को नियुक्त किया है। नपलच्याल उत्तराखंड में विभिन पदों पर अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा चुके हैं। जिनकी नियुक्ति को भी आम लोग बेहद खास मान रहे हैं।
पिछले काफी लंबे वक्त से कयासबाजी चल रही थी कि उक्त पदों पर सामाजिक क्षेत्र से जुड़े ही किसी व्यक्ति का चयन होगा। कई लोगों ने ऐड़ी चोटी का जोर लगाया भी था लेकिन अब जो नाम सामने आए उसने सबकी कयासबाजी पर विराम लगा दिया है। भले ही सार्वजनिक जीवन में समाज के लिए समर्पित कई लोगों के अरमान चकनाचूर हुए हों पर इन पदों पर जिन दो नामों का चयन हुआ है उससे पहाड़ी राज्य के वाशिंदे, पहाड़ वाशियों में सकारात्मक व भावनात्मक संदेश देने में त्रिवेन्द्र रावत पास हो गए हैं।
त्रिवेन्द्र सरकार ने उत्तराखंड मूल के दो-दो पूर्व नौकरशाहों को जिस तरह से तरजीह दी है उसे विवाद से बचने का भी एक माध्यम बताया जा रहा है। राज्य सरकार ने इस चयन में क्षेत्रीय संतुलन साधने की भी पूरी कोशिश की है और जिस तरह से दोनों योग्य अधिकारियों को सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति दी है उससे सरकार अब किसी भी विवाद से साफ बच गई है।
यहां बताते चलें कि इस बार 170 लोगों ने उक्त पदों के लिए आवेदन किया था। जिसमें छटनी के बाद कुल 115 नामों को कमेटी के सामने रखा गया। उक्त सभी नाम समाजसेवी, शिक्षाविद, साहित्यकार, पत्रकार, पूर्व नौकरशाह आदि के थे। जाहिर सी बात है कि यह चयन बेहद कठिन था उसके बाबजूद आई.आर.एस. जे0 पी0 ममगाईं और आई.ए.एस. चंद्र सिंह नपलच्याल को कमेटी ने सबसे उपयुक्त मानकर लंबे समय से रिक्त चल रहे पदों के लिए चयन कर इस मामले का पटाक्षेप कर लिया है। उत्तराखंड में सूचना आयोग के अस्तित्व में आए 9 साल हो गए हैं। और यह पहला मौका है कि जब उत्तराखंड सूचना आयोग में मुख्य आयुक्त सहित अन्य दोनों पदों पर पूर्व नौकरशाह ही हैं।
उत्तराखंड में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति वाली कमेटी में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के अलाव नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक शामिल हैं। उत्तराखंड में सूचना आयुक्तों के रिक्त दो पदों के लिए छटनी के बाद 115 नामों की लंबी लिस्ट को लेकर भी सरकार व कमेटी को काफी मेहनत करनी पड़ी। कई दौर की बैठकों के बाद भी किसी एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही थी। जिसकी वजह सामाजिक क्षेत्र में सक्रिय कई दिग्गज दावेदारों नाम भी रहे। लेकिन अब जिस तरह से समिति ने अपने अंतिम निर्णय में दो पूर्व नौकरशाहों के नामों को फाइनल कर दिया है उसने लंबे समय से चल रही कयासबाजी को आज पूर्ण रूप से विराम दे दिया है।
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