कोविड वैक्सीनेशन: वैक्सीन लगने के बाद भी बरते सावधानी, जाने कितने दिनों बाद शरीर में बनती है एंटीबॉडी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 8जून। कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में वैक्सीनेशन को बेहद अहम माना जा रहा है लेकिन ऐसा देखा जा रहा है कि लोग वैक्सीन लगने के बाद बेहद लापरवाह हो जा रहे है और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने में परहेज कर रहे है। लेकिन हम आपको बता दें कि वैक्सीनेशन के बाद भी आप सेफ नही है और आपको इस दौरान और सावधानी बरतने की जरूरत है। बता दें कि वैक्सीनेशन के बाद शरीर में एंटीबॉडी दो तरीकों से बन रही है। अगर कोई शख्स कोरोना संक्रमित हो चुका है तो उसकी शरीर में एंटीबॉडी का निर्माण प्राकृतिक तौर पर हो रहा है। इसके साथ ही एंटीबॉडी निर्माण के लिए वैक्सीन की मदद ली जा रही है।

देश में इस समय भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड वैक्सीन का प्रयोग किया जा रहा है। ऐसे कई मामलें सामने आए है जिसमें लोगों ने शिकायत दर्ज कराई है कि वैक्सीनेशन के बाद भी वे कोविड- 19 के शिकार हो रहे है।
आपको बता दें कि स्वास्थय मंत्रायल के मुताबिक कोवैक्सीन के पहला डोज लगने के 28 दिन बाद से एंटीबॉडी बनना शुरू हो रहा है। इसका अर्थ यह है कि पहला डोज जिस दिन लगा उससे लेकर आने वाले 28 दिन तक खतरा मौजूद है और इस दौरान भी आपको सावधानी की जरूरत है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की भी रिपोर्ट आई है जिसमें बताया गया है कि कोविशील्ड की पहली और दूसरी डोज के बीच ज्यादा अंतर होने से एंटीबॉडीज का ज्यादा निर्माण हो रहा है। इसके अलावा जिन स्वास्थ्यकर्मियों में एंटीबॉडी कम बनी या नहीं बनी उसके लिए स्टेरॉयड जिम्मेदार है। इसका अर्थ यह है कि स्टेरॉयड लेने वालों में एंटीबॉडीज नहीं बन रही है।

एसएन मेडिकल कालेज आगरा के करीब 80 स्वास्थ्यकर्मियों के सैंपल जांच के लिए एएमयू भेजे गए थे। 90 फीसद सैंपल में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिले थे जबकि 40 फीसद लोगों में पर्याप्त मात्रा में एंटीबॉडीज मिले।

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